तेहरान : ईरान की संसद और खमैनी मकबरे पर हुए हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन ISIS ने ली है। ISIS की न्यूज एजेंसी अमक ने एक बयान जारी कर इस बात की जानकारी दी। ISIS जब किसी आतंकी हमले की जिम्मेदारी लेता है, तो इसकी खबर आमतौर पर सबसे पहले अमक के हवाले से ही आती है। मालूम हो कि बुधवार सुबह ईरान की संसद पर कुछ हमलावरों ने अटैक कर दिया। जिस समय यह हमला किया गया, उस समय संसद का सत्र चल रहा था। अगर ISIS का यह दावा सच है, तो ईरान के अंदर यह उसका पहला हमला है।
Gunshots being heard around #IranParliament #TehranShooting pic.twitter.com/18zMmPqgq9
— Press TV (@PressTV) June 7, 2017
ईरान की संसद के स्पीकर अली लरिजानी ने संसद के अंदर हुई गोलीबारी को ‘मामूली घटना’ बताया है। उन्होंने कहा कि सुरक्षाबल इस तरह के ‘कायराना हमलों’ से निपटने में पूरी तरह सक्षम हैं। हमले के बावजूद ईरान की संसद ने अपने सत्र को जारी रखा। सुरक्षा के मद्देनजर संसद के हॉल के दरवाजे बंद रखे गए। इस सत्र की अध्यक्षता कर रहे लरिजानी ने कहा कि यह हमला संकेत है कि आतंकवादी ईरान के अंदर मुश्किलें पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘आतंकवाद से लड़ने में ईरान बेहद सक्रिय और प्रभावी है।’ ईरान की खुफिया मंत्रालय का कहना है कि बुधवार को हुए तीनों आतंकी हमलों को राजधानी तेहरान में अंजाम देने की विशेष योजना तैयार की गई थी। इसमें से एक हमले को नाकाम कर दिया गया और इससे पहले कि आतंकी अपने इरादों को अंजाम दे पाते, उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
Footage reportedly shows terrorists firing shots from #IranParliament building pic.twitter.com/jEOM66UrVc
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ईरान की स्थानीय मीडिया के मुताबिक, संसद पर हुए हमले में बंदूकधारी हमलावर ने 7 लोगों की हत्या कर दी है। संसद की इमारत के अंदर एक धमाके की भी खबरें आ रही हैं। बताया जा रहा है कि हमलावरों ने आत्मघाती विस्फोटक बेल्ट पहने हुए थे। मालूम हो कि ईरान इस्लाम में प्रचलित शिया मत को मानता है, जबकि ISIS कट्टरपंथी इस्लामिक विचारधारा वहाबी मत में यकीन करता है। सऊदी भी वहाबी मत को ही मानता है। सऊदी और ईरान एक-दूसरे के धुर-विरोधी माने जाते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, तो ब्रिटेन में ISIS को मिल रही फंडिंग से जुड़ी एक रिपोर्ट में कथित तौर पर दावा किया गया है कि सऊदी ISIS को आर्थिक मदद दे रहा है। ब्रिटेन में पिछले हफ्ते हुए आतंकी हमले के बाद वहां की विपक्षी पार्टियां इस रिपोर्ट को सार्वजनिक किए जाने और सऊदी के साथ ब्रिटेन के संबंधों पर पुनर्विचार करने की अपील कर रही हैं।
People gather outside Iran Parliament in central Tehran after the shooting incident #tehranshooting pic.twitter.com/OGZ90zchZS
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