पाकिस्तान के बाद अब चीन ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बलूचिस्तान पर दिये गए बयानों की निंदा की है। नरेंद्र मोदी द्वारा बलूचिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) के मुद्दे पर दिये गए बयानों से चीन भड़क गया है उसने कहा है कि ‘मोदी अपना सब्र खो चुके हैं और उन्होने बैर के पूर्वानुमानित कट्टर लहजे को अपना लिया है।’
गौरतलब है कि इससे पहले भी ड्रैगन (चीन) ने मोदी को चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर भारत की किसी भी हरकत से बलूचिस्तान में 46 बिलियन डॉलर (3,08,200 करोड़ रुपये) लागत वाली चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (सीपीईसी) परियोजना को बाधित किया तो चीन चुप नहीं बैठेगा।
चीन के एक सरकारी अखबार में ‘मोदी के उकसावे वाली कार्रवाई से भारत पर बढ़ता खतरा’ नाम की एक रिपोर्ट में यह सब बातें कही गयी हैं। इस रिपोर्ट में मोदी पर यह भी आरोप लगा है कि वह बलूचिस्तान और पीओके का मामला इसलिए उठा रहे हैं ताकि कश्मीर के तनावपूर्ण माहौल से लोगों का ध्यान हटाया जा सके।
इस रिपोर्ट में कहा गया, ‘भारत-पाकिस्तान के रिश्तों को फिर से जीवंत बनाने की अनिच्छुक कोशिशों के बाद, बतौर प्रधानमंत्री तीसरे साल में प्रवेश कर चुके नरेंद्र मोदी ने सब्र खो दिया है और उन्होंने बैर के पूर्वानुमानित कट्टर लहजे को अपना लिया है।’ पीओके के आतंकवाद पीड़ितों को 5 लाख रूपये की राशि देने के मोदी सरकार के सहायक कदम को भी रिपोर्ट में उकसाने वाली कार्रवाई बताया गया और कहा गया, ‘इससे भी ज्यादा अहम यह है कि पाकिस्तान की तरफ के कश्मीरी इस मुआवजे का दावा कर सकते हैं। सिर्फ यही उकसावे वाली कार्रवाई नहीं है। 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस पर उनका (मोदी का) भाषण भी ऐसा ही एक कदम था।’
आपको बता दें कि मोदी ने लाल किले पर दिये गए अपने भाषण में बलूचिस्तान और पीओके का मसला उठाते हुए पाकिस्तान को जमकर सुनाया था तब उन्होंने कहा था कि उनके द्वारा बलूचिस्तान और पीओके में मानवाधिकार हनन का मुद्दा उठाने के बाद वहां के लोग उनका शुक्रिया अदा कर रहे हैं।
रिपोर्ट में कहा गया, ‘जब भारत, बलूचिस्तान में अपनी किसी भी तरह की भूमिका के बारे में खंडन करता रहा है तब मोदी क्यों सार्वजनिक तौर पर इसका जिक्र करते हैं? कश्मीर पर भी, वह इतना उकसावे वाला कदम क्यों उठाते हैं जब उन्हें पता है कि पाकिस्तान की प्रतिक्रिया निश्चित तौर पर दुनिया का ध्यान उधर खींचेगी और वह चाहते हैं कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर यह मुद्दा नहीं उठे? इसमें आश्चर्य की बात नहीं कि मोदी घाटी में चल रही चीजों से दुनिया का ध्यान हटाने की कोशिश कर रहे हैं।’