पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के ये बयान संयुक्त राष्ट्र महासभा में दिए बयान की तरह ही है जहां उन्होंने वानी को युवा नेता और शहीद बताया था और कश्मीरी मुसलमानों द्वारा जारी जिहाद को अपना समर्थन देने की घोषणा की थी। नवाज ने संयुक्त राष्ट्र में कहा था,’हम भारत के साथ विवादित मुद्दों के समाधान के लिए गंभीर और स्थिर बातचीत के लिए तैयार हैं। बिना कश्मीर मुद्दे का समाधान किए हम शांति की उम्मीद नहीं कर सकते।’
हालांकि भारत ने नवाज के सभी आरोपों का सिरे से खंडन किया था। भारत के विदेश राज्यमंत्री एम जे अकबर ने नवाज के बयान को तथ्य से परे बताया था। अकबर ने कहा था,’ वानी के बारे में नवाज का बयान आत्मघाती है। उन्होंने तथ्यों को तोड़कर पेश किया है। हम आतंकवाद पर पाकिस्तान की ब्लैकमेलिंग बर्दाश्त नहीं करेंगे। आतंकवाद पाकिस्तान की नीति है।’
अकबर ने नवाज के बातचीत के प्रस्ताव को खारिज करते हुए कहा था कि ‘बंदूक और बातचीत’ साथ-साथ नहीं चल सकती है। आंतकवादियों के हाथों में बंदूक थमाके पाकिस्तान बातचीत करना चाहता है। ये हमें मंजूर नहीं है।’































































