PTI ने 2 नवंबर को इस्लामाबाद में तालाबंदी करने का ऐलान किया है। वहीं DPC ने 27 और 28 अक्टूबर को इस्लामाबाद और मुजफ्फराबाद (PoK) में रैलियां आयोजित करने की घोषणा की है। मालूम हो कि DPC का सीधा संबंध हाफिज सईद और उसके आतंकी संगठन जमात-उद-दावा (JUD) से है। DPC की रैली इसलिए भी अहम होगी क्योंकि पाकिस्तान में आतंकी संगठनों द्वारा किए जाने वाले सार्वजनिक कार्यक्रमों और गतिविधियों को लेकर काफी विवाद खड़ा हो गया है। इसके बावजूद अगर यह रैली होती है, तो पाकिस्तानी सत्ता की मुश्किलें काफी बढ़ जाएंगी।
इसी महीने 6 अक्टूबर ‘द डॉन’ अखबार में आतंकवादियों पर कार्रवाई को लेकर सेना व सरकार के बीच टकराव की एक खबर आई थी। इसमें कहा गया था कि शरीफ सरकार ने सेना को आतंकवादियों और आतंकी संगठनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। खबर के मुताबिक, सरकार ने सेना से यह भी कहा था कि आतंकवादी तत्वों को दी जाने वाली मदद के कारण पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अकेला पड़ गया है।