इस जगह पर जाकर कोई नहीं मरता क्योंकि यहां मरना मना है

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एक शोध में यह पाया गया कि साल 1917 में जिस शख्स की मौत इनफ्लुएंजा की वजह से हुई उसके शव में इनफ्लुएंजा के वायरस जस के तस पड़े थे. यहां बता दें, इनफ्लुएंजा एक विशेष समूह के वायरस के कारण मानव समुदाय में होनेवाला एक संक्रामक रोग है. इस बीमारी में इंसान बुखार की चपेट में आ जाता है और वह बहुत ज्यादा कमजोर हो जाता है. यह बीमारी महामारी के रूप में फैलता है.

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बीमारी फैलना का खतरा मंडराने के बाद वहां की प्रशासन ने इस शहर में मौत पर पाबंदी लगा दी. ऐसे में यहां जैसे ही कोई मरने वाला होता है या कोई इमरजेंसी आती है, तो उस व्यक्ति को हेलिकॉप्टर से देश के दूसरे इलाके में ले जाता है, और मरने के बाद वहीं पर उसका अंतिम संस्कार किया जाता है.

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