अखबार के अनुसार पाकिस्तान ने कथित तौर पर प्रतिनिधिमंडल से कहा कि मिसाइल डिफेंस कार्यक्रम और इंटर कॉन्टिनेंटल बलिस्टिक मिसाइल्स से क्षेत्रीय शांति और स्थायित्व को खतरा बढ़ा है। बता दें कि परमाणु हथियारों से लैस बलिस्टिक मिसाइल अग्नि-5 और अग्नि-4 के सफल परीक्षण के बाद भारत अब मिसाइल क्षेत्र में एक और बड़ी छलांग लगाने की तैयारी में है। भारत अग्नि-6 पर भी काम कर रहा है। यह मिसाइल कई हथियार एक साथ ले जाने में सक्षम होगा और दुश्मन के डिफेंस सिस्टम यानी MIRVs (मल्टिपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री वीइकल्स) को मात देने के लिए तकनीकी रूप से चालाक होगा।
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने भारतीय संदर्भ का उल्लेख करते हुए कहा इस तरह की नीतियों से क्षेत्र में शांति को खतरा बढ़ा है। अधिकारी ने कहा, ‘पाकिस्तान मानता है कि आपसी बातचीत से दक्षिण एशिया में शांति और स्थायित्व को बढ़ावा दिया जा सकता है।’