पाकिस्तानी सेना के प्रमुख जनरल राहील शरीफ ने सोमवार को नौ और ‘कट्टर आतंकियों’ की मौत की सजा की पुष्टि कर दी। इन्हेें सैन्य अदालतों ने विभिन्न अपराधों में संलिप्त होने के लिए दोषी करार करार दिया था। पाक चीफ की हरी झंडी मिल जाने के बाद अब इन्हें अब कभी भी मौत की नींद सुला दिया जाएगा। इन आतंकियों पर स्कूली बच्चों पर हमले, विमान पर फायरिंग और चार पुलिस अधिकारियों के हाथ काट देने के आरोप थे।
गौरतलब है कि इन सभी नौ आतंकियों को स्पीडी ट्रायल कोर्ट्स ने मौत की सजा सुनाई थी। इन कोर्ट्स का गठन पेशावर में स्कूल पर आतंकी हमले की घटना के बाद हुआ था। 16 दिसंबर 2014 को हुए इस हमले में 150 लोग मारे गए थे, जिनमें से अधिकतर स्कूली बच्चे थे।
स्पीडी ट्रायल कोर्ट्स के गठन का मकसद आंतकवाद के दोषियों की सजा पर तेजी से फैसला लेना है। पाकिस्तानी सेना की ओर से जारी बयान में कहा गया है, ‘9 खूंखार आतंकवादी, जिनकी सजा-ए-मौत की पुष्टि हुई है, हिंसा के अनेक मामलों में शामिल थे। इनका निर्दोष नागरिकों की हत्या, अधिकारियों की हत्या और सैनिकों पर हमले जैसे जघन्य अपराधों में दोष साबित हुआ था। ये आतंकी पेशावर एयरपोर्ट पर लैंड करने वाले एक विमान पर गोलीबारी के भी दोषी थे। इस हमले में एक महिला की मौत हो गई थी और दो अन्य यात्री घायल हो गए थे। ये चार पुलिस अधिकारियों के हाथ काटने के भी दोषी थे। इनके पास हथियार और विस्फोटक भी बरामद किए गए।’
सेना की ओर से कहा गया कि सुरक्षा कारणों से ये सार्वजनिक नहीं किया जा रहा कि इन 9 आतंकियों की सजा-ए-मौत पर कब और कहां अमल होगा। सितंबर में सेनाध्यक्ष ने 7 आतंकियों की सजा-ए-मौत पर अपनी मुहर लगाई थी। इससे पहले अगस्त में जनरल शरीफ ने 11 तालिबानी आतंकियों के डेथ-वारंट को हरी झंडी दी थी।