जम्मू कश्मीर में निर्माणाधीन भारत के हाईड्रो पावर प्रॉजेक्ट्स से पाकिस्तान टेंशन में है। पाकिस्तान की दो संसदीय कमिटियों ने मिलकर एक प्रस्ताव पास कर इस प्रॉजेक्ट पर कड़ी आपत्ती जताई है। इस प्रस्ताव में भारत से कहा गया है कि वह जम्मू-कश्मीर में बनाए जा रहे किशनगंगा और रातले हाईड्रो पावर प्रॉजेक्ट्स का काम फौरन रोक दे। बता दें कि ये दोनों पनबिजली प्रॉजेक्ट झेलम और चिनाब नदी पर तैयार हो रहे हैं। पाकिस्तानी अखबार द डॉन के हवाले से यह खबर आई है।
पाकिस्तान की नैशनल असेंबली के विदेशी मामलों और जल व ऊर्जा से जुड़ी कमिटियों ने वर्ल्ड बैंक से कहा है कि वह सिंधु जल समझौते पर दोनों देशों के बीच विवाद को सुलझाने के लिए एक कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन स्थापित करे। कमिटियों का कहना है कि सिंधु जल समझौते के तहत यह वर्ल्ड बैंक की जिम्मेदारी है कि वह बिना किसी देरी के अपनी भूमिका निभाए।
पाकिस्तान की दो संसदीय कमिटियों में जो प्रस्ताव पास हुआ है, उसे सरकार और विपक्ष के सदस्यों ने बहुमत से मंजूरी दी। इसमें लिखा है, ‘जब तक वर्ल्ड बैंक कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन स्थापित न कर देता, तब तक उसे भारत को राजी करना चाहिए कि वह मामला सुलझने तक रातले बांध पर निर्माण रोक दे।’
बता दें कि इन दो नदियों पर बन रहे बांध के कारण भारत और पाकिस्तान के बीच बहुत समय से तनातनी है। क्योंकि इन दोनो नदियों पर पाकिस्तान की जलापूर्ति का बहुत बड़ा हिस्सा निर्भर है। ऐसे में इन पर चल रहे निर्माण काम की वजह से पाकिस्तान काफी टेंशन में है। और इसलिए वह वर्ल्ड बैंक पर भारत को रोकने के लिए दबाव बना रहा है।