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कोलकाता के अखबार ‘टेलीग्राफ’ को दिए इंटरव्यू में उरी आतंकी हमले के बारे में बासित ने कहा, ”मैं बताना चाहता हूं कि पाकिस्तान का इस हमले से कोई लेना-देना नहीं है। पाकिस्तान आतंकवाद का एक्सपोर्टर नहीं है। हम भी ऐसे शब्दों का इस्तेमाल कर सकते हैं, लेकिन उससे कोई हल नहीं निकलता। दो देशों के रिश्ते जुमलेबाजी से नहीं चलते।
पाकिस्तान हाफिज सईद और सैयद सलाउद्दीन को भारत के खिलाफ जहर उगलने की इजाजत क्यों देता है? इस पर बासित ने कहा, ”ऐसी आवाजें भारत में भी उठती हैं, लेकिन पाकिस्तान या भारत की पॉलिसी लोगों के आग उगलते भाषणों से तय नहीं होती।

भारत ने उरी हमले का बदला ले लिया है। ऐसी खबरें सोशल मीडिया पर हैं कि इंडियन आर्मी ने सीमा पार कर आतंकी कैम्पों को तबाह किया है। इस पर बासित ने कहा, ”इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। पाकिस्तान अपनी हिफाजत करने में काबिल है।
अब्दुल बासित से ऐसे कई सवाल पूछे गए लेकिन उन्होंने हर सवाल का जवाब सिर्फ यही दिया की पाकिस्तान आतंकवाद का एक्सपोर्टर नहीं है। वह भी इस दहशत को उतना ही खत्म करना चाहता हैं जितना भारत।
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