लेख में कहा गया है कि पाकिस्तान सरकार को बिना किसी भेदभाव के सभी आतंकी नेटवर्क्स के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। लेख में कहा गया है, ‘मोदी का बयान दिखाता है कि पाकिस्तान को वैश्विक मंच पर अकेला करने के लिए भारत कितना समर्पित है। सार्क सम्मेलन रद्द करने से लेकर पाकिस्तानी कलाकारों पर प्रतिबंध लगाने तक के फैसलों में मोदी सरकार हर अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान की स्थिति कमजोर करने की कोशिश कर रही है। अगर हम अकेले पड़ गए, तो इसका असर बहुत तीव्र होगा। पाकिस्तान ऐसा कभी नहीं चाहेगा।’
इस लेख में सीधे तौर पर पाकिस्तानी सरकार और सुरक्षा एजेंसियों पर तीखा हमला करते हुए कहा गया है, ‘कम से कम इतनी शराफत तो होनी चाहिए कि वे मान लें कि पाकिस्तान अभी भी अच्छे और बुरे गैर-राजनैतिक सत्ता केंद्रों (आतंकियों) में अंतर नहीं कर पा रहा है।’ लेख में यह भी कहा गया है कि कुछ ही दिन पहले सत्ताधारी पार्टी के एक नेता ने आतंकी समूहों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। लेख के मुताबिक, ये वही आतंकी हैं जिनको लेकर भारत पाकिस्तान पर आतंकवाद को प्रायोजित करने का आरोप लगाता है।