द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक, इस जॉइंट मिलिट्री एक्सर्साइज़ को दोनों देशों की सेना के बीच बेहतर तालमेल बनाने और द्विपक्षीय रिश्तों में गर्माहट लाने के कदम के तौर पर देखा जा रहा है। एक सीनियर पाकिस्तानी अफसर ने बताया कि इस सैन्य युद्धाभ्यास में पाकिस्तान-रूस के 200-200 सैनिक हिस्सा लेंगे। मास्को में पाकिस्तान के राजदूत काजी खलीलुल्लाह ने बताया कि ‘फ्रेंडशिप 2016’ के तहत दोनों देश पहली बार मिलिट्री एक्सरसाइज में हिस्सा लेंगे। हालांकि, राजदूत ने तारीख या अन्य जानकारियों का खुलासा नहीं किया।
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पाकिस्तान ने अमेरिका के साथ कमजोर पड़ते रिश्तों की वजह से अपनी विदेश नीति में बदलाव करते हुए अन्य देशों के साथ तालमेल बेहतर करने का फैसला किया है। अमेरिका ने मई 2011 में खुफिया मिशन को अंजाम देते हुए एबटाबाद में अलकायदा सरगना ओसामा बिन लादेन को मार गिराया था। इसके अलावा, अफगान सीमा से सटे इलाके में नाटो सेना के हवाई हमलों में 24 पाकिस्तानी सैनिकों की मौत ने भी पाकिस्तान और अमेरिका के रिश्तों को कमजोर किया है। खटास और ज्यादा बढ़ गई, जब हाल ही में अमेरिका ने पाकिस्तान के साथ आठ एफ-16 लड़ाकू विमानों के खरीद में मदद से जुड़े सौदे को आखिरी पलों में रोक दिया।