इस सूची में सबसे उपर ”डकोटा एक्सेस पाइपलाइन” का निर्माण रोकने की मांग करने वाली याचिका है जिस पर 2,10,000 से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हैं। इसके बाद एक अन्य याचिका ”क्रैटोम को अनुसूचित 1 तत्व” न बनाने की मांग वाली याचिका है जिस पर 1,37,000 लोगों के हस्ताक्षर हैं।
इस बीच, व्हाइट हाउस ने कहा है कि वह फिलहाल, पाकिस्तान के साथ आतंकवाद से निपटने की अपनी क्षमता को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। व्हाइट हाउस के उप प्रवक्ता मार्क टोनर ने कहा ”वह (आतंकवाद का प्रायोजक देश का दर्जा देना) बहुत ही विशिष्ट प्रक्रिया और मंथन है जिसमें कानूनी पहलू और आकलन भी शामिल हैं।”
उन्होंने कहा ”हमारा ध्यान पाकिस्तान के साथ आतंकवाद से निपटने की अपनी क्षमता को बढ़ाने पर और उनकी भूमि पर आतंकवाद के खतरे से निपटने पर केंद्रित है। वे हिंसक चरमपंथ के खिलाफ गंभीर और सतत अभियान चला रहे हैं।”
टोनर ने कहा ”हम मानते हैं कि वे प्रगति कर रहे हैं और आतंकवाद की हिंसा से निपटने के लिए कदम उठा रहे हैं लेकिन हम इस बात को लेकर भी बिल्कुल स्पष्ट हैं कि उन्हें पाकिस्तान के पड़ोसियों को निशाना बनाने वाले आतंकवादी समूहों सहित सभी आतंकी समूहों को खत्म करने और सभी पनाहगाहों को बंद करने की जरूरत है।”
प्रवक्ता ने दोहराया कि अमेरिका की लंबे समय से राय रही है और वह मानता भी है कि संबंध सामान्य होने से भारत और पाकिस्तान को वास्तव में फायदा होगा।
उन्होंने कहा ”हम भारत और पाकिस्तान दोनों को सीधी बातचीत करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं जिसका उद्देश्य तनाव कम करना है।”
उन्होंने कहा ”भारत के साथ हमारे गहरे और व्यापक द्विपक्षीय, बहुपक्षीय रिश्ते हैं। वह :भारत: दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र हैं और हम दुनिया के संबंध में एक समान दृष्टिकोण साझा करते हैं। भारत के साथ हमारे बेहद करीबी व्यापार तथा आर्थिक संबंध हैं और हमारे रिश्ते सुरक्षा सहयोग तक गए हैं।” टोनर ने कहा ”इसी तरह हम पाकिस्तान को भी उसके भूभाग में अपने गढ़ बनाने के इच्छुक आतंकवादी समूहों और आतंकवाद के कारण उत्पन्न खतरे से निपटने में सक्षम बनते देखना चाहते हैं।”