पाकिस्तान ने फिर खेला कश्मीर कार्ड, संयुक्त राष्ट्र से की हिंसा में हस्तक्षेप की मांग

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पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान लगातार अपनी नापाक हरकतों को अंजाम दे रहा है। दोस्ती की आड़ में दुश्मनी की मिसाल बने पाकिस्तान ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत से कश्मीर को आजाद करने की साजिश रची है। पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने एक बार फिर अंतरराष्‍ट्रीय मंच पर कश्‍मीर के मुद्दे को उठाया है। शरीफ ने इस मसले पर संयुक्‍त राष्‍ट्र (यूएन) को लेटर लिखा है और मांग की है कि कश्‍मीर में भारतीय सुरक्षाबलों की तरफ से जारी हिंसा पर रोक लगाने के प्रयास किए जाने चाहिए।

इस मामले में पाकिस्तान सरकार मे ट्विटर पर ट्विट करके इस बात की पुष्टि की है। नीचे लिखे ट्विट से आप आसानी से पाक की मंशा का अंदाजा लगा सकते हैं।

एक्‍सप्रेस ट्रिब्‍यून की रिपोर्ट के मुताबिक, शरीफ ने यह लेटर संयुक्‍त राष्‍ट्र महासचिव बान की मून और मानवाधिकार मामलों पर संयुक्‍त राष्‍ट्र के हाई कमिश्‍नर प्रिंस जाएद अल हुसैन को लिखा है। इसमें उन्‍होंने कहा है कि कश्‍मीर में मानवाधिकार का जो लगातार उल्‍लंघन हो रहा है, उस पर रोक लगाई जाए। इसके साथ ही शरीफ ने यह भी मांग की कि इस बारे में संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद के उस प्रस्‍ताव को लागू किया जाए जो जनमत संग्रह के जरिए कश्‍मीरियों को आत्‍मनिर्णय की क्षमता प्रदान करता है।

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पाक पीएम नवाज शरीफ ने इस पत्र के जरिए एक ऐसी साजिश का तानाबाना बुना है। जिसके कई मकसद हो सकते हैं। पहला मकसद अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत को बदनाम करना। दूसरा मकसद कश्मीर में चल रही हिंसा पर राजनीति की रोटियां सेंकना और कश्मीरियों का विश्वास और हमदर्दी हासिल करना। और तीसरा मकसद कश्मीरियों के दिलों में भारत के खिलाफ जहर भरना।

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शरीफ ने इस लेटर में कश्‍मीर में मानवाधिकारों के हनन के मुद्दे को भी उठाया। उन्‍होंने कहा कि हालिया हिंसा के दौरान 50 से ज्‍यादा लोगों की मौत हो चुकी है और 3500 से ज्‍यादा लोग घायल हुए हैं जिनमें से 400 की हालत नाजुक है।

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आपको बता दें कि इससे पहले मंगलवार को ही शरीफ ने कहा था कि कश्मीर के उत्‍पीड़‍ित लोगों की आवाज बनना उनका दायित्व है और वह घाटी के लोगों की स्थिति के बारे में दुनिया को समझाने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ेंगे। शरीफ ने संयुक्त राष्ट्र की आगामी महासभा की तैयारी के लिए आयोजित एक बैठक के दौरान ऐसा कहा था।

इस बैठक में विदेश मामलों पर उनके सलाहकार सरताज अजीज, विदेश मामलों पर विशेष सहायक तारिक फातमी, विदेश सचिव एजाज अहमद चौधरी, संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की स्थायी प्रतिनिधि मलीहा लोधी और अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत जलील अब्बास जिलानी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।