खबर है कि जब पिछले सप्ताह बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने आए थे तो दोनों के बीच सीक्रेट मीटिंग भी हुई थी। न्यूज वेबसाइट रेडिफ डॉट कॉम की खबर के अनुसार दोनों नेताओं ने आधिकारिक मुलाकात के बाद अधिकारियों की गैरमौजूदगी में अकेले बातचीत की थी। बंद कमरे में हुई इस मुलाकात के बाद मोदी जब नीतीश को छोड़ने आए तो दोनों एक-दूसरे का हाथ थामे नजर आए। बता दें कि नीतीश ने बिहार में बाढ़ से हुए नुकसान को लेकर 23 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी। इस मुलाकात के बाद नीतीश कुमार पहले की तुलना में काफी बदले हुए अंदाज में दिखे थे। उनका रुख पीएम मोदी को लेकर नर्म दिखा।
बैठक के बाद नीतीश ने मीडिया से बातचीत में केंद्र सरकार के गंगा सफाई को लेकर चलाए गए कार्यक्रम ‘नमामि गंगे’ की तारीफ भी की थी। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने उन्हें बाढ़ को लेकर त्वरित और दीर्घकालिक कदम उठाने का आश्वासन दिया है। साथ ही नेशनल सिल्ट मैनेजमेंट पॉलिसी बनाने का भरोसा भी जताया है। रेडिफ की रिपोर्ट के अनुसार दोनों नेताओं की बॉडी लैंग्वेज ने बिहार की राजनीति में एक नए मोड़ की अटकलों को हवा दे दी। इन अटकलों के अनुसार नीतीश कुमार गठबंधन में साझेदार लालू यादव से खुश नहीं हैं। बताया जा रहा है कि गठबंधन के साथी के रूप में लालू अपना दबदबा बनाए हुए हैं। इससे नीतीश को परेशानी हो रही है। मुलाकात के बाद नीतीश के बयानों ने इस तरह की अटकलों को और हवा दे दी।
गौरतलब है कि भाजपा और जेडीयू पूर्व में साथी थे। दोनों ने मिलकर नौ साल तक बिहार में सरकार चलाई थी। लेकिन साल 2014 में लोकसभा चुनावों से पहले दोनों के बीच दरार आ गई। जेडीयू नरेंद्र मोदी को पीएम पद का उम्मीदवार बनाए जाने के खिलाफ थी। इसके बाद दोनों अलग-अलग हो गए थे। इसके बाद जेडीयू और आरजेडी ने हाथ मिला लिए थे। चुनावों के बाद बिहार में अपराध की घटनाओं में बढ़ोत्तरी के बीच लालू और नीतीश में मतभेद की खबरें आर्इ थी। हालांकि इस बारे में आधिकारिक रूप से दोनों पार्टियों में कभी ऐसा सामने नहीं आया है।