दिल्ली:
इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाईक के एनजीओ को एफसीआरए लाइसेंस का नवीनीकरण करने में कथित धांधली के लिए गृह मंत्रालय के चार अधिकारियों को आज रात निलंबित कर दिया गया। नाईक अपने कथित कट्टरपंथी विचारों के लिए सुरक्षा एजेंसियों की जांच के दायरे में है।
गृह मंत्रालय ने पाया कि नाईक के खिलाफ चल रही विभिन्न जांच के बावजूद उसके एनजीओ इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन के एफसीआरए लाइसेंस का हाल में नवीनीकरण किया गया। जिन अधिकारियों को निलंबित किया गया है, उनके नाम और रैंक की तत्काल जानकारी नहीं मिल पाई है।
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘ नाईक के एनजीओ के एफसीआरए लाइसेंस के नवीनीकरण में इन चार अधिकारियों की कथित भूमिका के लिए इन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया।’’ उल्लेखनीय है कि बांग्लादेशी अखबार ‘डेली स्टार’ में यह खबर आने के बाद नाईक सुरक्षा एजेंसियों की जांच के दायरे में आया कि ढाका में एक जुलाई को किए गए आतंकी हमले के हमलावरों में से एक रोहन इम्तियाज ने पिछले साल फेसबुक पर नाईक का हवाला देते हुए प्रचार अभियान चलाया था।
अंतरराष्ट्रीय इस्लामिक चैनल पीस टीवी पर प्रसारित नाईक के एक व्याख्यान में कथित तौर पर ‘सभी मुस्लिमों से आतंकी बनने की गुजारिश की गई थी।’ इस लोकप्रिय लेकिन विवादास्पद इस्लामिक वक्ता के कथित तौर पर घृणा फैलाने वाले भाषण के लिए ब्रिटेन और कनाडा ने इस पर प्रतिबंध लगाया रखा है। यह मलेशिया में 16 प्रतिबंधित इस्लामिक विद्वानों में से एक है। वह े चैनल पीस टीवी के जरिए बांग्लादेश में लोकप्रिय है।