मस्जिद में रचा गया इतिहास, मर्दों के साथ महिलाओं ने भी अदा की नमाज़

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इलाहाबाद। इलाहाबाद के करेली इलाकी की मस्जिद अपने आप में अब इतिहास बन चुकी है। इस मस्जिद में एकता की ऐसी दास्तान लिखी गई जिसने महिलाओं और मर्दों के बीच मतभेद की दीवार को गिरा दिया। जी हां दिखने में आम मस्जिद लगने वाली इस मस्जिद में देश के इतिहास में पहली बार एक ऐसा इतिहास लिखा गया। जो किसी मस्जिद में कभी नहीं लिखा गया। सबसे अधिक मुस्लिम आबादी वाले इस क्षेत्र की मस्जिद में महिलाओं को लेकर जो पहल की गई है। वो वाकई काबिल-ए-तारीफ है। वहीं दूसरी तरफ ये पहल कट्टर मुस्लिम समाज को आइना दिखाने जैसी है। दरअसल इस मस्जिद में इस मस्जिद में मुस्लिम महिलाये भी मस्जिद में आकर अपनी नमाज़ अदा कर रही है । यहां इस्लाम के तहत बनाये गए नियमों का पूरा ख्याल रखते हुए मस्जिद की एक मंजिल को केवल महिलाओं के लिए आरक्षित कर दिया गया है जिसमें महिलाए बिना किसी रूकावट के तरावी की नमाज़ यहा अदा कर सकती है। मस्जिद में हुई पहल से प्रदेश में यह ऐसी पहली मस्जिद बन गई है जिसमे मर्दो की तरह महिलाए भी एक ही मस्जिद में नमाज पढ़ सकेंगी ।
इसी मस्जिद की तरह शहर के हटिया बाजार की दूसरी वाहिद मस्जिद ने भी अब महिलाए मर्दों के साथ मस्जिद में आकर अपनी इबादत पूरी करने के लिए करने के लिए अनुमति दे दी है। इस मस्जिद ने भी अब अपने यहाँ मर्दो के साथ औरतो को भी नमाज़ पढ़ने का हक़ दिया है । मस्जिद के मौलाना के मुताबिक शरीयत कभी मस्जिदो में मर्दो की तरह औरतो को नमाज़ अदा करने के लिए नहीं रोकती , मस्जिद तो वह पाक जगह है जहां अल्लाह के बन्दों और बंदियों को साथ साथ इबादत करनी चाहिए ।

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