मुंबई हमले में इस्तेमाल की गई नाव की जांच करेगा पाक आयोग

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फाइल फोटो।

नई दिल्ली। पाकिस्तान की एक आतंकवाद रोधी अदालत(एटीसी) ने अभियोजन और बचाव पक्ष के वकीलों के एक आयोग को कराची भेजने का आदेश दिया है जो एक नौका की जांच करेगा, जिसका इस्तेमाल लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकवादियों ने 2008 के मुंबई आतंकी हमले को अंजाम देने के लिए भारत पहुंचने की खातिर किया था।

अदालत के एक अधिकारी ने बताया कि अभियोजन और बचाव पक्ष के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद आतंकवाद रोधी अदालत इस्लामाबाद ने आयोग गठित करने का आदेश दिया। आयोग कराची में ‘अल-फौज’ नाम की एक नौका की जांच करेगा, जिसका इस्तेमाल मुंबई आतंकी हमले को अंजाम देने वाले आतंकवादियों ने किया था। अदालत मामले की सुनवाई आदियाला जेल रावलपिंडी में कर रही थी।

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उन्होंने कहा कि अभियोजन और बचाव पक्ष के वकीलों द्वारा अपने नामित सदस्यों का नाम सौंपे जाने के बाद आयोग को अधिसूचित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अधिसूचना के बाद आयोग अगले महीने के शुरू में कराची की यात्रा कर नौका की जांच कर सकता है।

एक एटीएस न्यायाधीश ने मंगलवार(27 सितंबर) को मुंबई आतंकी हमले से जुड़े मामले की सुनवाई की और संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) द्वारा दाखिल अनुरोध को इस स्वीकार कर लिया कि चूंकि नौका को अदालत में पेश करना मुश्किल है, इसलिए एक न्यायिक आयोग नौका की जांच के लिए वहां भेजा जाए।

आयोग कराची यात्रा के दौरान नौका की जांच के अलावा एक गवाह मुनीर के बयान भी दर्ज करेगा। इसके पहले, इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने एक आयोग कराची नहीं भेजे जाने के निचली अदालत के फैसले को दरकिनार कर दिया था और कहा था कि यह कानून के अनुरूप नहीं है। इसके साथ कराची में नौका की जांच के लिए अनुमति दे दी गयी थी।

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एफआईए के अनुसार हमलावरों ने कराची से मुंबई पहुंचने के लिए तीन नौकाओं का इस्तेमाल किया जिनमें से एक अल-फौज है। एफआईए के अनुसार सुरक्षा एजेंसियों ने दुकान और उसके मालिक का भी पता लगा लिया था जहां से दोषियों ने इंजन और नौका खरीदी थी।

एक बैंक और मनी एक्सचेंज कंपनी का भी पता लगाया गया था जिसका इस्तेमाल पैसों के लेनदेन के लिए किया गया। अल-फौज नौका कराची में पाकिस्तानी अधिकारियों के कब्जे में है जहां से लश्कर के 10 आतंकवादी 23 नवंबर 2008 को भारत के लिए रवाना हुए थे, ताकि वे मुंबई आतंक हमले को अंजाम दे सकें। उस हमले में 166 लोगों की मौत हो गई थी।

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जकी-उर रहमान लखवी को मुंबई हमले का मास्टर माइंड माना जाता है। सालभर पहले जमानत पर रिहा होने के बाद से वह अज्ञात स्थान पर रह रहा है। बाकी के अन्य छह संदिग्ध रावलपिंडी की आदियाला जेल में बंद हैं। पाकिस्तान में पिछले छह साल से यह मामला चल रहा है।