दिल्ली: बांध बनाने के लिए ब्रह्मपुत्र की एक सहायक नदी का पानी रोकने को उचित ठहराते हुए चीन ने आज इन आशंकाओं को दूर करने का प्रयास किया कि इससे भारत में नदी का प्रवाह प्रभावित होगा। चीन ने कहा कि निचले इलाकों पर कोई विपरीत असर नहीं होगा।
ब्रह्मपुत्र की सहायक शियाबुकु नदी पर लालहो बांध परियोजना को तिब्बत में खाद्य सुरक्षा और बाढ़ सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण परियोजना बताते हुए चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि सहायक नदी पूरी तरह चीन में स्थित है।
चीन के विदेश मंत्रालय ने बांध को लेकर भारत की चिंताओं पर पीटीआई को दिए लिखित जवाब में कहा, ‘‘परियोजना की जलाशय क्षमता ब्रह्मपुत्र के औसत वाषिर्क प्रवाह का 0.02 फीसदी है। निचले इलाकों में इसके प्रवाह पर विपरीत असर नहीं हो सकता।’’ ब्रह्मपुत्र तिब्बत से अरूणाचल प्रदेश, असम और फिर बांग्लादेश में बहती है।
चीन ने एक अक्तूबर को घोषणा की थी कि वह अपनी ‘‘सबसे महंगी’’ बांध परियोजना के लिए तिब्बत में शियाबुकु नदी का जल प्रवाह रोकने जा रहा है।
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