नई दिल्ली। कर्नाटक सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना करते हुए 23 सितंबर तक कावेरी नदी का 6000 क्यूसेक पानी तमिलनाडु को देने से इंकार कर दिया है। बुधवार(21 सितंबर) को कैबिनेट की बैठक के बाद मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बताया कि कैबिनेट ने तमिलनाडु के लिए पानी छोड़ने को टालने का फैसला किया है। अब 23 सितंबर को ही राज्य विधानमंडल के विशेष सत्र में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर फैसला किया जाएगा।
सिद्धारमैया ने कहा कि मंत्रिमंडल ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मद्देनजर राज्य विधानमंडल का विशेष सत्र 23 सितंबर को बुलाने का फैसला किया है। उसमें 21 से 27 सितंबर तक कर्नाटक से 6000 क्यूसेक पानी छोड़ने का आदेश दिया गया था।
उन्होंने कहा कि सर्वदलीय बैठक में सरकार को सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर चर्चा के लिए राज्य विधानमंडल का विशेष सत्र बुलाने की सलाह दी गई थी और उसी अनुसार मंत्रिमंडल ने फैसला किया।
कावेरी निगरानी समिति ने 19 सितंबर को कर्नाटक से कहा था कि वह 21 सितंबर से 30 सितंबर तक प्रतिदिन 3000 क्यूसेक पानी छोड़े, लेकिन शीर्ष अदालत ने 21 सितंबर से 27 सितंबर तक कर्नाटक को तमिलनाडु के लिए 6000 क्यूसेक पानी छोड़ने का आदेश दिया था। शीर्ष अदालत ने यह आदेश तब दिया था जब तमिलनाडु ने अपनी सांबा धान की फसल को बचाने के वास्ते पानी के लिए दबाव बनाया था।
पांच सितंबर को शीर्ष अदालत ने तमिलनाडु में किसानों की दुर्दशा का निराकरण करने के लिए अगले 10 दिनों के लिए 15000 क्यूसेक पानी छोड़ने का आदेश दिया था।