राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट तक कानूनी जंग लड़ने वाली तमिलनाडु की अनिता जिंदगी की जंग हार गई। मेडिकल कॉलेज में प्रवेश न मिलने से निराश होकर उसने खुदकुशी कर ली। अनिता के इस तरह आत्महत्या करने के बाद राज्य सरकार ने उसके परिजनों को 7 लाख रुपए का मुआवजा देने की घोषणा की है। 19 साल की अनिता दलित श्रमिक की बेटी थी। तमिलनाडु बोर्ड की 12वीं की परीक्षा में उसने 1200 में से 1176 अंक हासिल किए थे। लेकिन वह नीट में 700 में से महज 86 अंक ही स्कोर कर पाई थी। हालांकि, सूत्रों का कहना है कि उसने मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी कॉलेज में स्थान पा लिया था।