लखनऊ: मुहर्रम के मातमी जुलूसों के बीच जगह-जगह बवाल भी खूब हुए। इसके अलावा दुर्गापूजा के बाद मूर्ति विसर्जन के दौरान भी दोनों समुदायों के लोगों के आमने-सामने आने से कई जगह जमकर संघर्ष हुआ। कौशांबी में मूर्ति विसर्जन जुलूस का रास्ता रोके जाने पर पथराव में एसपी समेत कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। पुलिस के लाठीचार्ज में दर्जन भर ग्रामीणों को भी चोट आई। महोबा विसर्जन के लिए मूर्तियां ले जाने के दौरान ताजिया में गुलाल गिरने से माहौल बिगड़ गया। गोंडा शहर में दो संप्रदायों में विवाद के चलते मुहर्रम का जुलूस नहीं निकला। अमरोहा में जुलूस के दौरान एक ही संप्रदाय के दो पक्षों में भिड़ंत हो गई तो संभल में निकाले जा रहे ताजिये का दूसरे समुदाय के लोगों ने विरोध कर दिया। इससे तनाव फैल गया।
कौशांबी के रक्सवारा गांव के मजरा कटरा और रामपुर में दुर्गा प्रतिमा विर्सजन के रास्ते में ताजिया रखा गया था। दोनों पक्षों तय हो गया था कि मंगलवार दो बजे तक विसर्जन कर लिया जाएगा। फिर ताजियादार मातमी जुलूस निकालेंगे। लेकिन कटरा वाली मूर्ति दोपहर तीन बजे रास्ते पर लाई गई। इसका ताजियादारों ने विरोध कर दिया। मसला रात रात 11 बजे तक नहीं सुलझा। इस बीच पुलिस ने रास्ता रोककर ताजिया को निकालने दिया। इससे आक्रोशित लोगों ने पुलिस पर पथराव कर दिया। पुलिस के छह वाहन व एक मीडियाकर्मी का वाहन क्षतिहग्रस्त हो गया। जवाब में पुलिस ने लाठीचार्ज किया। इससे दर्जन भर लोगों को चोट आई। इससे खफा लोगों ने बुधवार सुबह रक्सवारा में नहर के पुल के निकट मुहर्रम का मातमी जुलूस रोकने का प्रयास किया, तो पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। भीड़ भी ईंट-पत्थर चलाने लगी। एसपी समेत सीओ मंझनपुर रमाकांत यादव, करारी एसओ के साथ तीन सिपाही जख्मी हो गए।
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