प्रतापगढ़ : मूर्ति विसर्जन और मोहर्रम एक ही दिन होने से उत्तरप्रदेश के कई जिलों में तनाव रहा। राजा भइया के पिता समेत 6 लोग नजरबंद कर लिए गए। कुंडा कोतवाली के शेखपुर आशिक गांव में हनुमान मंदिर पर भंडारा नहीं हो सका। जिला प्रशासन ने सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ने की आशंका के मद्देनजर कार्यक्रम को मंजूरी देने से इन्कार कर दिया था। प्रदेश के कैबिनेट मंत्री रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भइया के पिता राजा उदयप्रताप समेत आयोजन से जुड़े छह लोगों को बुधवार को नजरबंद कर दिया गया। आयोजन स्थल दिन भर छावनी में तब्दील रहा। दोपहर में ताजिया निकल जाने के बाद प्रशासन ने राहत की सांस ली।
शेखपुर आशिक में वर्ष 2014 से गांव के बाग में स्थित हनुमान मंदिर पर भंडारे का आयोजन किया जा रहा है। भंडारे के लिए बनी समिति में राजा भइया के पिता राजा उदय प्रताप सिंह बतौर संरक्षक उपस्थित रहते रहे हैं। 2014 में मुहर्रम की 10वीं मंगलवार को पड़ी थी। इस दिन आयोजन समिति ने हनुमान मंदिर पर सुंदरकांड का पाठ व भंडारे का आयोजन किया था। इसमें राजा उदय प्रताप भी शामिल हुए थे। ताजिया लेकर विभिन्न गांवों से आए मातमी जुलूस पहुंचने पर वहां तनाव की स्थिति खड़ी हो गई थी। बाद में दोनो पक्षों ने आपसी सहमति से जुलूस निकलवाया था। वर्ष 2015 में भंडारे का आयोजन किया गया। ताजिए के मार्ग में भंडारा होने से आक्रोशित ताजियादारों ने शेखपुर आशिक की सीमा पर ही ताजिए रख दिए थे और उसे करबला तक ले जाने से इन्कार कर दिया था।
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