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देशभर में इस बार जहां चाइनीज सामानों को लेकर जबरदस्त विरोध है, वहीं व्यापारियों ने भी पिछले वर्ष की तुलना में इस बार चीन निर्मित सामान कम ही आयात किया है। त्योहारी सीजन के बावजूद पिछले 13 दिन में चीनी आइटम की मांग 20 प्रतिशत तक घट गई है। यह दावा कारोबारियों के प्रमुख संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने किया है।
चीनी आइटम के बायकॉट के लिए सोशल मीडिया पर एक तरह का अभियान चल रहा है। वॉट्सऐप, फेसबुक और ट्विटर पर जमकर विरोध हो रहा है। इसके विरोध में बाकायदा वॉट्सऐप ग्रुप देखे जा रहे हैं। सोशल मीडिया पर चीनी आइटम के बायकॉट की अपील का असर दिखने लगा है।
बहिष्कार के कारण इस बार दीपावली में चीनी उत्पादों का व्यापार ठप हो गया है। इससे चीन को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। चीन की आर्थिक व्यवस्था पर भी इसका असर पड़ेगा। प्रतिवर्ष जून में दिल्ली के व्यापारी चीनी व्यापारियों को आइटमों के आर्डर दे देते हैं, अगस्त तक माल भी भारत पहुंच जाता है। लेकिन इस बार चीनी उत्पादों की बिक्री न के बराबर हो रही है।
कैट के सेक्रेटरी जनरल प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि दिवाली पर चाइनीज लाइटिंग जैसे सामान देशभर में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किए जाते हैं। करीब तीन महीने पहले भारतीय बाजार में चीनी आइटम आ जाते है। लेकिन कारोबारियों को डर है कि यदि चीन के सामान की खरीद में 10 से 15 प्रतिशत भी घटी, तो उनके लिए लागत निकालना और भी मुश्किल हो जाएगा। अनुमान है कि चीन से आयात होने वाले सामान में 20 से 30 प्रतिशत तक कमी आ सकती है।
अगले स्लाइड में पढ़ें – चीनी सामान के विरोध के बाद दोनों देशों के व्यापार पर कितना पड़ा असर
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