बांग्लादेश में प्रतिबंधित चरमपंथी समूह के एक और नेता को दी गई फांसी

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फोटो: साभार

नई दिल्ली। बांग्लादेश में प्रतिबंधित एक चरमपंथी समूह के नेता को 2005 में हुए विस्फोट में भूमिका के लिए रविवार(16 अक्टूबर) को फांसी दे दी गयी। उस विस्फोट में दो न्यायाधीशों जगन्नाथ पारे और सोहैल अहमद की मौत हो गयी थी। उनमें से एक हिन्दू समुदाय के थे।

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खुलना जेल के एक अधिकारी ने बताया कि जमातुल मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) के एक नेता असदुल इस्लाम उर्फ आरिफ को रात में साढ़े 10 बजे फांसी दी गयी।

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इस मामले में आरिफ के अलावा छह अन्य लोगों को फांसी की सजा सुनायी गयी थी। आरिफ के अलावा शेष छह लोगों को मार्च 2007 में ही फांसी दे दी गयी थी।

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आरिफ फरार हो गया था, लेकिन उसे जुलाई 2007 में गिरफ्तार कर लिया गया। उसने देश की सर्वोच्च अदालत से फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की थी।