फिलहाल पुराने फार्मूले के तहत ही विकलांगता पेंशन पाएंगे सेना के जवान

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फाइल फोटो।

नई दिल्ली। स्लैब आधारित विकलांगता पेंशन शुरू करने पर आलोचना से घिर जाने के बाद रक्षा मंत्रालय ने शनिवार(29 अक्टूबर) को कहा कि सशस्त्र बल के कर्मी तबतक प्रतिशत आधार पर ऐसा पेंशन पाते रहेंगे, जबतक विसंगति समिति इस मुद्दे पर अपनी रिपोर्ट पेश न कर देती।

तीस सितंबर को जारी एक पत्र को लेकर विपक्षी दलों एवं सैन्य प्रतिष्ठान सरकार की आलोचना हो रही है। इस पत्र के माध्यम से रक्षाबलों का विकलांगता पेंशन तय करने के लिए, सातवें वेतन आयोग की सिफारिश के अनुसार स्लैब आधारित व्यवस्था शुरू की गयी।

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आलोचना के बाद रक्षा मंत्रालय ने इस मामले को विसंगति समिति के पास भेज दिया। हालांकि इस बात को भ्रम थी कि कौन सी व्यवस्था विकलांगता पेंशन तय करने के लिए उपयोग में लायी जाएगी।

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रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि जबतक समिति रिपोर्ट लेकर नहीं आती, तबतक वर्तमान प्रतिशत प्रणाली ही विकलांगता पेंशन तय करने के लिए उपयोग में लायी जाएगी। पहले रक्षा मंत्रालय ने कहा था कि सातवें वेतन आयोग ने विकलांगता पेंशन तय करने के लिए स्लैब आधारित प्रणाली की सिफारिश की थी, जिसे सरकार ने स्वीकार कर लिया था।

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छठे वेतन आयोग के तहत रक्षाकर्मियों एवं नागरिक कर्मियों का विकलांगता पेंशन तय करने के लिए प्रतिशत आधारित प्रणाली का पालन किया जाता था।

सैन्यकर्मी जिस बात को लेकर परेशान हैं वह यह है कि नागरिक कर्मचारी पिछले प्रतिशत प्रणाली के हिसाब से पेंशन पाते रहेंगे, जिसका तात्पर्य है कि नागरिक कर्मचारी अपने सैन्य समकक्ष की तुलना में उच्च विकलांगता पेंशन पाएगा।