दिल्ली मे पूर्व सैनिक की आत्महत्या करने के बाद देश मे सियासी बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब राजस्थान से भी पूर्व आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता गजेंद्र सिंह के परिवार ने आवाज उठाई हैं।
एक तरफ राहुल गांधी की गिरफ्तारी उसके बाद से कांग्रेस का प्रदर्शन देश भर में जारी है। तो दूसरी तरफ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी पीड़ित परिवार को एक करोड़ रुपये की सहायता देने का एलान कर दिया। गजेंद्र सिंह के परिवार वालो की मांग है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पूर्व सैनिक के परिवार को एक करोड़ की रकम देने का ऐलान किया है, तो गजेंद्र सिंह के परिवार को महज 10 लाख रुपये ही क्यो दिये गए। गजेंद्र सिंह आम आदमी पार्टी की जंतर-मंतर की रैली में पेड़ से लटक कर मर गए थे। उस समय फसल खराब होने की वजह से किसानों की मांग को लेकर आम आदमी पार्टी का धरना चल रहा था और गजेंद्र सिंह की जेब से एक सुसाईड नोट भी मिला था। गजेंद्र के छोटे भाई विजेंद्र का कहना है की जब दिल्ली सरकार ने पहले शहीद का दर्जा गजेंद्र सिंह को दिया था तब भी सहायता राशि सिर्फ 10 लाख ही दी गई।
जबकि पूर्व सैनिक राम किशन के परिवार को एक करोड़ दिया। ऐसा भेद-भाव क्यों किया गया। इसके पीछे भी राजनीति है। राजस्थान में कोई चुनाव नही था और हम वोट बैंक नही थे जबकि पंजाब में चुनाव हैं और पूर्व सैनिक वोट बैंक हैं। गजेंद्र सिंह के परिवार की मांग है कि परिवार को भी मुआवजे के तौर पर और राशि दी जाय और इस मुद्दे पर आम आदमी पार्टी नेता संजय सिंह को मैसेज भेजा है। इतना ही नहीं बल्कि मौका पड़ने पर केजरीवाल से भी मिलने के लिये सभी जायेंगे हलांकि गजेंद्र के परिवार की सबसे बड़ी नाराजगी तो बीजेपी से है। आमआदमी पार्टी को घेरने के लिए उस वक्त उनके घर बीजेपी अध्यक्ष अमीत शाह, मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे समेत पांच मंत्री और 35 बीजेपी विधायकों का तांता लगा रहा। मदद के साथ मंडी का नाम गजेंद्र के नाम पर करने की घोषणा की। अमीत शाह ने कहा कि सभी वादे पूरे होंगे लेकिन अब तो बीजेपी की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे तो छोड़िए कोई मंत्री-विधायक मिलने तक को तैयार नहीं होता है।
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