केंद्र सरकार ने की 11 हजार NGO मान्यता रद्द, 25 NGO के रजिस्ट्रेशन से भी इनकार

0
11 हजार

केंद्र सरकार ने कथित रूप से राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के कारण देश के 11 हजार से अधिक एनजीओ की मान्यता रद्द कर दी है। और साथ ही 25 गैर सरकारी संगठनों के एफसीआरए रजिस्ट्रेशन का रिन्यूअल करने से इनकार किया है।

ये 11 हजार एनजीओ जून के अंत तक अपने रजिस्ट्रेशन का रिन्यूअल कराने में विफल रहे थे। मान्यता समाप्त होने से ये एनजीओ विदेश से धन प्राप्त नहीं कर सकेंगे। गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि देश में 25 गैर सरकारी संगठन का संचालन एफसीआरए के प्रावधानों के विपरीत और कथित रूप से राष्ट्र विरोधी है। अभी इन गैर सरकारी संगठनों के नाम का खुलासा नहीं हुआ है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा कि उसने उन 11,319 संगठनों का पंजीकरण रद्द कर दिया है जिन्होंने इस साल 30 जून तक एफसीआरए के तहत रजिस्ट्रेशन के रिन्यूअल के लिए आवेदन नहीं किया था। ‘उनके रजिस्ट्रेशन की वैधता एक नवंबर, 2016 से समाप्त मानी जाएगी।

इसे भी पढ़िए :  रेलमंत्री सुरेश प्रभु देश का पहला हरित रेलगाड़ी गलियारा का उद्घाटन करेंगे

इस सूची में करीब 50 अनाथालय, सैकड़ों स्कूल और संस्थान जैसे भारतीय सांख्यिकी संस्थान और समाज के वंचित बच्चों के लिए काम करने वाले प्रतिष्ठित एनजीओ शामिल हैं। मंत्रालय ने कहा कि उसने एफसीआरए लाइसेंस रिन्यूअल के 1736 आवेदन मामलों को दस्तावेज शामिल नहीं करने या दस्तावेजों की कमी या निर्धारित समयावधि में अन्य वैधानिक कमियों के कारण बंद कर दिया था। इन 1736 गैर सरकारी संगठनों में रामकृष्ण मिशन, माता अमृतानंदमयी मठ के साथ ही कृष्णमूर्ति फाउंडेशन की शाखाएं शामिल हैं। इन्होंने 30 जून 2016 से पहले अपने रजिस्ट्रेशन के रिन्यूअल के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था।

इसे भी पढ़िए :  नोटबंदी की सबसे दर्दनाक तस्वीर: सरकार के तुगलकी फरमान ने ली शख्स की जान, बैंक की लाइन में दिल का दौरा पड़ने से शख्स की मौत, जिम्मेदार कौन ?

गृहमंत्रालय के पास एफसीआरए रजिस्ट्रेशन रिन्यूअल के लिए 16,491 आवेदन प्राप्त हुए थे। इनमें से 14,730 का रजिस्ट्रेशन रिन्यू को मंजूरी दी गई। वर्ष 2015 में गृह मंत्रालय ने 10 हजार गैर सरकारी संगठनों के एफसीआरए पंजीकरण इसलिए रद किए थे क्योंकि इन्होंने लगातार तीन साल के अपने सालाना रिटर्न दाखिल नहीं किए थे।

इसे भी पढ़िए :  ममता बनर्जी और राहुल गांधी को आटे-दाल का भाव नहीं पता, गरीबों की बात करते हैं-उमा भारती