इस खास पेशकश में आज हम आपको कुछ ऐसे महानुभव लोगों के किस्से बताएंगे, जिन्हें 786 नंबर के नोट जमा करने का चस्का था।ये लोग ऐसे नोट को पाने के लिए कई बार अच्छी खासी कीमत भी चुकाते थे, लेकिन पीएम मोदी ने ब्लैकमनी पर सर्जिकल स्ट्राइक करते हुए 500 और हजार के नोट एक ही झटके में बंद कर दिए। ऐसे में नोट जमा करने का शौक पालने वाले इन लोगों के होश उड़े हुए हैं। उन्हें समझ नहीं आ रहा कि कड़ी मेहनत कर पाई-पाई जोड़ने वाले इन नोटों का अब ये क्या करें। ऐसे लोगों के दिलचस्प किस्से पढ़िए – किसी ने 20 साल में तो किसी ने 30 साल की मेहनत के बाद 786 नंबर के नोटों से कई लाख रुपये जमा कर लिए।
जिस रिकॉर्ड को बनाने के लिए 27 साल लगा दिए, उसे केंद्र सरकार के एक फैसले ने पलभर में ध्वस्त कर दिया। सेक्टर-50 के नरिंदर पाल सिंह 1989 से 786 नंबर के नोट जमा कर रहे हैं। उनके पास इन नोटों की ढेरों कलेक्शन हैं। 786 नंबर वाले करीब साढ़े 14 लाख रुपए के नोट वे जमा कर चुके हैं। लेकिन इस रिकॉर्ड में से साढ़े 3 लाख रुपए की करंसी अब उनके लिए किसी काम की नहीं रही।
इनसे मिलिए..ये हैं अलवर की रहने वाली भावना जिंदल। इन्हें बचपन से ही शौक था कि ये 786 नंबर वाले नोट इकट्ठा करती रहती थी। इनके इसी शौक ने इन्हें कुछ दिन पहले लखपति बना दिया था। नोट जमा करते करते पिछले 20 साल में पौने दो लाख रुपये जमा हो गए। लेकिन 20 साल की मेहनत पर उस वक्त पानी फिर गया जब केन्द्र सरकार ने एक ही झटके में 500 और हजार की करंसी बंद कर दी।
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