वॉशिंगटन : 2015 की गर्मियों में हथियार से लैस अमेरिकी ड्रोन्स पूर्वी सीरिया में जुनैद हुसैन का पीछा कर रहे थे। जुनैद एक जाना-माना हैकर था और इस्लामिक स्टेट के लिए काम करता था। IS की सोशल मीडिया टीम का सबसे काबिल शख्स जुनैद ही था। जुनैद और उसकी टीम सोशल मीडिया के सहारे IS के नेटवर्क को बढ़ाने, नई भर्तियां करने, दुष्प्रचार कर लोगों को गुमराह करने और आतंकी हमले कराने का काम कर रही थी। यह टीम पश्चिमी देश में रहने वाले अपने ऑनलाइन समर्थकों को निर्देश देकर अलग-अलग जगह आतंकी हमले भी करवा रही थी। जुनैद को पता था कि उसकी जान को खतरा है। एहतियात बरतते हुए कई हफ्तों तक जुनैद ने अपने सौतेले बेटे को साथ रखा। बच्चा साथ होने के कारण ड्रोन्स ने जुनैद पर हमला नहीं किया। फिर एक दिन आखिरकार जुनैद की किस्मत ने उसका साथ छोड़ ही दिया। देर रात जुनैद एक इंटरनेट कैफे से अकेला बाहर निकला और कुछ ही मिनटों बाद ड्रोन्स ने उसे मार डाला।
जुनैद की उम्र महज 21 साल थी और वह इंग्लैंड का रहने वाला था। वह अंग्रेजी जुबान बोलने वाले कंप्यूटर विशेषज्ञों के एक समूह की अगुआई करता था और ये सब मिलकर इंटरनेट पर इस्लामिक स्टेट के अजेंडा को फैलाने और अमलीजामा पहनाने का काम कर रहे थे। अमेरिका ने इस टीम का नाम ‘द लीजन’ रखा था। अमेरिका और उसकी गठबंधन सेना ने एक-एक करके इस टीम के सबसे अहम करीब 12 लोगों को मार दिया है। यह पूरा अभियान काफी गुप्त रखा गया और इसके द्वारा अमेरिका को इस्लामिक स्टेट (IS) के खिलाफ बहुत बड़ी सफलता मिली। इसी टीम के कारण अमेरिका और पश्चिमी देशों में युवा पुरुष और महिलाएं IS के दुष्प्रचार का शिकार होकर आतंकवाद से प्रभावित हो रहे थे।
अमेरिका सेना, खुफिया विभाग और पुलिस विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अब भी IS के पास सोशल मीडिया संभालने के लिए एक खास टीम है, जो कि दुनिया भर में आतंकवादी हमलों की प्रेरणा दे सकती है। संदेह है कि यूरोप भर में IS के ऐसे आतंकवादी छुपे हुए हैं। इसके बावजूद, अमेरिका का मानना है कि लीजन्स के खिलाफ सफलतापूर्वक की गई कार्रवाई इस बात का सबूत है कि अमेरिका पश्चिमी देशों पर आतंकवादी हमले करवाने की IS की क्षमता को कम कर सकता है। शुरुआत में लीजन की ओर से जो खतरा पेश हुआ, उसे कानून व्यवस्था बनाए रखने की दिक्कत से जोड़कर देखा गया। लेकिन फिर 2015 में जब इस मसूह द्वारा अलग-अलग जगहों पर आतंकी हमले करवाए गए, तब FBI ने बागडोर संभाली। FBI ने अमेरिका भर में उन सब संदिग्धों पर नजर रखनी शुरू कर दी, जिनपर आतंकी संगठनों से जुड़े होने का संदेह था। FBI ने सेना से कहा कि वह युद्ध के मैदान पर ध्यान दे और बाकी चीजें वह संभाल लेगा।
अमेरिका और ब्रिटेन की सेनाओं ने IS के कई सदस्यों पर कई ड्रोन हमले करवाए। इसके बाद FBI ने इस टीम के सबसे अहम सदस्यों की निशानदेही की, जो कि असल में लोगों को आतंकी हमलों की प्रेरणा देते हैं। पिछले 2 सालों में FBI ने IS से जुड़े मामलों में शामिल करीब 100 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें से कई लोगों का लीजन के साथ सीधा संबंध था। बाकी कई ऐसे थे जो कि लीजन के बारे में जानकारी रखने के कारण FBI के रेडार में आए थे।
जुनैद हुसैन IS के लिए सिर्फ हैकर का काम नहीं करता था। 1,300 से ज्यादा अमेरिका सैनिकों और कर्मचारियों की निजी जानकारी ऑनलाइन जारी करने के पीछे भी उसका हाथ था। मार्च 2015 में IS ने इन 1,300 लोगों के नाम लीक, उनका पता और उनके सर्विस नंबर की जानकारी लीक कर अपने समर्थकों को निर्देश दिया था, ‘उनको उनकी ही जमीन में मार डालो। उनके घरों के अंदर ही उनका सिर काट दो। अपनी गली और सड़क को सुरक्षित समझकर जब वे वहां चल रहे हों, तब उन्हें चाकू मारकर मौत के घाट उतार दो।’ जुनैद IS के लिए आतंकियों की ऑनलाइन भर्ती का काम भी संभालता था।
इसके बाद FBI ने लीजन पर ध्यान केंद्रित किया और एक के बाद एक लगातार हमले कर इसे करीब-करीब बर्बाद कर दिया। जुनैद की मौत IS के लिए बहुत बड़ा झटका था। अमेरिका अधिकारियों का कहना है कि IS अभी तक जुनैद की जगह किसी और को भर्ती नहीं कर सका है।FBI से मिली चोट IS के लिए कितनी गहरी थी, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि लीजन के जिन 12 आतंकियों को मारा गया, उनकी काबिलियत का मुकाबला कर सकने और उनकी जगह ले पाने वाले नए लोगों की भर्ती IS अभी तक नहीं कर सका है।