तमिलनाडु की मुख्यमंत्री और एआईएडीएमके प्रमुख जे जयललिता की दो महीने से जारी बीमारी के दौरान ओ। पनीरसेल्वम बतौर कार्यकारी मुख्यमंत्री काम देख रहे हैं। साल 2001 और 2014 में जेल में रहने के दौरान भी जयललिता ने उन्हें ही अपना काम सौंपा था। अब खबरें आ रही हैं कि जयललिता के बाद पनीरसेल्वम सूबे के अगले सीएम होंगे… खबरें ये भी आ रही हैं शशिकला प्रदेश की मुख्य सचिव हो सकती हैं।
पनीरसेल्वम कुर्सी पर जयललिता की तस्वीर रखकर शासन का काम करते हैं। यह वाकया सोशल मीडिया पर काफी वायरल भी हुआ था। दोनों बार जयललिता के जेल से बाहर आते ही पनीरसेल्वम ने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया था।
आइए आपको बताते हैं कि पनीरसेल्वम किन वजहों से जयललिता के काफी करीबी और विश्वासपात्र नेता हैं-
1- जयललिता के लिए पनीरसेल्वम ने दो बार राज्य की कमान संभालने का मौका पूरी वफादारी से निभाया।
2- मुख्यमंत्री की कुर्सी पर काबिज होने के बावजूद पनीरसेल्वम ने जयललिता के विश्वास को बनाए रखने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने जयललिता की जानकारी के बिना सरकार से जुड़ा कोई फैसला कभी नहीं लिया।
3- मुख्यमंत्री की कुर्सी पर जयललिता की तस्वीर रखने से पनीरसेल्वम की तुलना भगवान राम के भाई भरत से भी होने लगी थी। अपने प्रति पनीरसेल्वम की ऐसी आस्था को देखने के बाद जयललिता का भरोसा बढ़ता गया।
4- सुप्रीम कोर्ट से ही जयललिता की सजा खारिज होने का बाद बिना किसी हिचक पनीरसेल्वम ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया, जिसके बाद जयललिया का प्रदेश के मुखिया बनने का रास्ता साफ हो गया।
5- 29 सितंबर 2014 को दोबारा मुख्यमंत्री बने पनीरसेल्वम ने 22 मई 2015 तक पद संभाला। इस दौरान सीएम रहते वो कभी जयललिता की कुर्सी पर नहीं बैठे।
6- इस साल 22 सितंबर से जयललिता के अस्पताल में भर्ती होने के बाद से पनीरसेल्वम ही पार्टी और सरकार का कामकाज देख रहे हैं। पनीरसेल्वम के निर्देश के बाद कैबिनेट बैठक में जयललिता की तस्वीर रखी जाती है और जरूरी फैसले लिए जाते हैं।
7- पनीरसेल्वम अपनी जेब में भी जयललिता की तस्वीर रखते हैं। उनकी जया भक्ति अपने आप में बड़ी मिसाल है।
8- पनीरसेल्वम थेवर समुदाय से आते हैं। इस जाति के बीच एआईएडीएमके की अच्छी पैठ बनाने में भी उनका बड़ा योगदान माना जाता है।
9- राजनीति में आने से पहले पनीरसेल्वम खेती करते थे। राज्य में कई जगहों पर उनकी चाय की दुकानें थी।
10- तमिलनाडु सरकार में पनीरसेल्वम की अच्छी पैठ मानी जाती है। विधानसभा में वह विपक्ष के नेता की भूमिका भी निभा चुके हैं। साथ ही सरकार में आने के बाद से एक साथ कई प्रमुख विभागों को संभाल चुके हैं।