समाजवादी पार्टी के कुनबे में लड़ाई की खबरे लंबे अर्से से चल रही थीं लेकिन कुछ दिनों पहले इन खबरों पर विराम लग गया। पर अब एक बार फिर चाचा-भतीजे में पार्टी में वर्चस्व को लेकर लड़ाई शुरू हो गई है। शिवपाल यादव और अखिलेश दोनों ऐसे एकतरफा फैसले ले रहे है जो इनकी आपसी लड़ाई को सतह पर ला रहा है।
अखिलेश यादव वो सरकारी फैसले ले रहे हैं जो शिवपाल यादव को चिढ़ा रहे है तो जवाब में शिवपाल यादव के सांगठनिक फैसले भी अखिलेश यादव को परेशान करने के लिए काफी है। अखिलेश ने शिवपाल के विरोधी को राज्यमंत्री का दर्जा दिया तो शिवपाल ने अखिलेश के करीबियों के टिकट छीन लिए।
अखिलेश यादव ने जावेद आब्दी को सिचाईं विभाग में सलाहकार का पद दिया तो ये शिवपाल यादव को चिढ़ाने के लिए काफी था क्योंकि ये वही जावेद आब्दी है जिन्हें शिवपाल यादव ने रजत जयंती कार्यक्रम में अखिलेश यादव के पक्ष में नारेबाजी करते वक्त धक्का दिया था जिसे दुनिया ने देखा था। उसी जावेद आब्दी को अखिलेश यादव ने दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री बना दिया।
समाजवादी पार्टी द्वारा गैंगस्टर से राजनीति में आए आतिक अहमद को विधानसभा चुनाव का टिकट दिए जाने का एक सीधा खतरा तो सामने ही नजर आ रहा है। इस फैसले से मुलायम के परिवार में ही कलह शुरू होने की संभावना दिख रही है। शिवपाल यादव ने न केवल 23 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी, बल्कि इसमें 7 ऐसे नाम भी थे जिन्हें किसी और की जगह पर टिकट दिया गया है। बताया जा रहा है कि इन नामों की घोषणा करने से पहले उन्होंने अखिलेश यादव से भी कोई मशविरा नहीं लिया। साथ ही, SP ने आतिक और मुख्तार अंसारी के भाई को भी चुनाव का टिकट दे दिया है।
अखिलेश का खेमा इससे बिल्कुल खुश नहीं है। अखिलेश और उनके समर्थकों को लगता है कि इस तरह टिकट बांटना पार्टी संविधान के खिलाफ है। नियम के मुताबिक, टिकट बांटने से जुड़े फैसले करने के लिए पार्टी की संसदीय समिति के सदस्यों की बैठक होती है और इसमें आपसी बातचीत से उम्मीदवारों के नामों पर फैसला लिया जाता है। साथ ही, अखिलेश के खेमे का यह भी कहना है कि पार्टी नेतृत्व वर्तमान विधायकों को ऐसे समय में टिकट देने से इनकार कर रहा है जबकि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 22 दिसंबर से विधानसभा का सत्र बुलाया हुआ है। अगर उनके मौजूदा विधायकों को टिकट नहीं दिया जाता है, तो इस सत्र में खुद अखिलेश के लिए भी काफी मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं।
शिवपाल ने काटे अखिलेश समर्थकों के टिकट
अखिलेश यादव के इस रवैये से शिवपाल यादव ने 23 प्रत्याशियों की लिस्ट जारी की, इस लिस्ट में चुनचुन कर उन लोगों के नाम है जिनका अखिलेश यादव सार्वजनिक रूप से विरोध कर चुके है. अतीक अहमद और सिबगतुल्लाह अंसारी को टिकट देना ही अखिलेश यादव को चिढ़ाने के लिए काफी था लेकिन चाचा शिवपाल यही नहीं रुके और सात उन लोगों की टिकट भी काट दी जो मुख्यमंत्री के करीबी थे।