नोटबंदी की मार झेल रही जनता को अब एक और झटका लग सकता है। खबरों के मुताबिक, पेट्रोल-डीजल की कीमत 3 रुपए लीटर तक बढ़ सकती है। दरअसल, तेल कंपनियां 1 से 15 तारीख तक तेल और पेट्रोल की कीमतों की समीक्षा करती हैं। ऐसे में आज इस मुद्दे पर फैसला लिया जा सकता है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि क्रूड की कीमतें लगातार बढ़ने से ऑयल कंपनियों पर कीमतें बढ़ाने का दबाव है। इंटरनेशनल फैक्टर भी कीमतें बढ़ाने के पक्ष में काम कर रहे हैं।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में दो हफ्तों से 15 फीसद का उछाल आया है। सरकारी तेल कंपनियां पेट्रोल-डीजल के दाम में 3 रुपए प्रति लीटर की बढ़ोतरी कर सकती है। हालांकि अब तक साफ नहीं है कि कीमतों में कितना इजाफा होगा।
एक्सपर्ट का कहना है कि दुनियाभर की दूसरी करेंसी के मुकाबले डॉलर मजबूत हुआ है। ऐसा होने पर भी भारतीय ऑयल कंपनियों पर दबाव है। भारत अपनी जरूरत का 80 फीसदी क्रूड ऑयल इंपोर्ट करता है। वहीं, रुपए से ही डॉलर खरीदना पड़ता है तो इंपोर्ट महंगा होगा। ऐसे में कंपनियों पर दाम बढ़ाने का दबाव है।
क्रूड ऑयल की इंडियन बास्केट में क्रूड की इंटरनेशनल कीमतें सोमवार को 54.42 डॉलर प्रति बैरल तक नहीं आईं। जबकि, नवंबर में यह कीमतें औसतन 44.46 डॉलर थीं। इस लिहाज से भी ऑयल कंपनियों पर दबाव है।
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