ट्रंप और चीन की जंग में ताइवान है मोहरा- जानिए कैसे

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अमरीका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति के लिए अमरीका-चीन के रिश्तों में सबसे महत्वपूर्ण है व्यापार, लेकिन चीन के लिए है सबसे महत्वपूर्ण है ताइवान। ट्रंप और उनकी टीम को ये पता है कि ताइवान के मुद्दे पर चीन पर दबाव बनाया जा सकता है।

हाल ही में फॉक्स न्यूज़ से बात करते हुए ट्रंप ने साफ कहा कि अमरीका ताइवान के मामले में चीन की स्थिति को तभी महत्व देगा अगर वो व्यापार मामले में रियायतें बरते। ट्रंप का कहना था, ”हम वन चाइना नीति को समझते हैं लेकिन मैं नहीं जानता हमें इसे क्यों मानना चाहिए। अगर चीन के साथ कोई डील हो, तो बात अलग है और ये डील व्यापार में भी हो सकती है।”

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ताइवान, चीन और अमरीका के बीच हमेशा से एक मुद्दा बना रहा है। ताइवान चीन की मुख्य भूमि से अलग एक द्वीप है, जहां की अपनी सरकार है। चीन का मानना है कि ताइवान उसका हिस्सा है जिसे पहले जापान ने छीना और बाद में 1949 में गृह युद्ध के दौरान माओ का विरोध कर रहे चीनी राष्ट्रवादियों ने।

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