नई दिल्ली : पाक सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाए गए एक आयोग ने ‘प्रतिबंधित आतंकी गुटों से नजदीकियों’ को लेकर नवाज शरीफ सरकार की आलोचना की है। पाकिस्तानी अखबार डॉन ने यह रिपोर्ट दी है। क्वेटा में इस साल अगस्त में हुए आत्मघाती हमले की जांच के लिए बने आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान को अपने पाखंडी रवैये को बंद करना चाहिए।
आयोग की अध्यक्षता करने वाले जज ने कहा कि आतंकी संगठनों पर तत्काल प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। ऐसे संगठनों के खिलाफ आतंकवाद रोधी कानून (ATA) सिर्फ कहने के लिए नहीं बल्कि सच्ची भावना के साथ लागू करना चाहिए। आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कहा, ‘अगर पाकिस्तान अमन और अलग-अलग धर्मों के बीच सदभाव चाहता है तो कानून और संविधान को फिर से स्थापित करना होगा।’
डॉन ने लिखा है कि आयोग ने 21 अक्टूबर को गृहमंत्री चौधरी निसार अली खान की 3 प्रतिबंधित संगठनों के मुखियाओं के साथ मुलाकात को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ बताया है। खान ने सिपाही सहाबा पाकिस्तान, मिल्लत-इ-इस्लामिया और अहले सुन्नत वल जमात के प्रमुखों से मुलाकात की थी। ये तीनों संगठन प्रतिबंधित हैं।
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