दिल्ली, मानवाधिकार संस्था ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि साल 2009 से 2015 के बीच भारत में पुलिस हिरासत में तकरीबन 600 लोगों की मौत हुई है। हालांकि इन मौतों में किसी भी पुलिसवाले को दोषी नहीं पाया गया है।
मानवाधिकार संस्था ह्यूमन राइट्स वॉच की एक रिपोर्ट में ऐसा कहा गया है। संस्था ने 114 पन्ने की यह रिपोर्ट सोमवार को जारी की है। रिपोर्ट के अनुसार इस दौरान हिरासत में किसी भी कैदी की मौत के लिए एक भी पुलिसवाले को दोषी करार नहीं दिया गया है।
हिरासत में होने वाली मौतों के लिए पुलिस ने बीमारी, भागने की कोशिश, खुदकुशी और दुर्घटना को जिम्मेदार ठहराया है। लेकिन मानवाधिकारों के लिए काम करने वाले संगठनों की मानें तो इनमें से ज्यादातर मौतें हिरासत में प्रताड़ना की वजह से होती हैं।
हालांकि सरकार ने हमेशा ऐसे आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। ताज़ा रिपोर्ट में 2009 से 2015 के दरमियां ‘हिरासत में हुई मौत’ के 17 मामलों की ‘गहन पड़ताल’ का दावा किया गया है।