एक ही अध्यादेश को 5वीं बार लाने पर नाराज हुए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी

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फाइल फोटो।

नई दिल्ली। पड़ोसी देशों से युद्धों के बाद पाकिस्तान और चीन चले गए लोगों की संपत्ति पर उत्तराधिकार या संपत्ति हस्तांतरण के दावों की रक्षा के लिए करीब 50 साल पुराने एक कानून में संशोधन पर अध्यादेश को फिर लागू किया गया है।

हालांकि, सूत्रों के हवाले से मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने एक ही अध्यादेश पर रिकॉर्ड पांच बार हस्ताक्षर करने को लेकर अपनी नाराजगी जताई है। आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने शत्रु सम्पत्ति अधिनियम संशोधन विधेयक में संशोधन करके राष्ट्रपति के पास पांचवी बार हस्ताक्षर के लिए भेजा। इससे राष्ट्रपति नाराज हैं।

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करीब पांच दशक पुराने शत्रु संपत्ति कानून में संशोधन के लिए यह पहल की गई है, ताकि पड़ोसी देश से युद्धों के बाद पाकिस्तान और चीन चले गए लोगों की संपत्ति के उत्तराधिकार या हस्तांतरण के दावों की रक्षा की जा सके। अध्यादेश को पहली बार इस साल सात जनवरी को लागू किया गया था।

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आपको बता दें कि इस अध्यादेश को अभी राज्यसभा से मंजूरी नहीं मिली है, क्योंकि मोदी सरकार के पास वहां बहुमत नहीं है, जबकि लोकसभा से यह पास हो चुका है। शीतकालीन सत्र में नोटबंदी पर हंगामे के चलते यह अध्यादेश राज्यसभा में पेश नहीं हो सका।

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