दिल्ली: नोटबंदी को पीएम मोदी और उनके मंत्री भले ही सफल बता रहे हों। इस कदम से कालाधन के खात्मे की बात कर हैं। लेकिन इस मुद्दे पर जब बात जानकारी की आती है तो वित्त मंत्री अरुण जेटली भी बगले झांकने लगते हैं।
देश के फाइनेंस मंत्री को ये नहीं पता है कि कितने अमान्य यानि कि पुराने 500 और 1000 के नोट सरकार के पास वापस आ चुके हैं।
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार 500 रुपए और 1000 रुपए के अमान्य करार दिए गए लगभग सभी नोट बैंकों में वापस आ चुके हैं। इसका मतलब यह हुआ कि विमुद्रीकरण के जरिए कालेधन की धरपकड़ और इसे समाप्त कर देने की सरकार की कोशिश फेल हो चुकी है।
जब वित्त मंत्री अरुण जेटली से इस अनुमान के सही होने के बाबत पूछा गया तो उन्होंने कहा- मैं नहीं जानता।
पीएम नरेंद्र मोदी 8 नवंबर 2016 को 500 रुपए और 1000 रुपए के नोटों को बैन करने का ऐलान किया था। उन्होंने इन नोटों को बैंकों और पोस्ट ऑफिसों में जमा करवाने और एक्सचेंज करने की आखिरी तारीख 30 दिसंबर तय की थी। अमान्य करार दिए गए कुल 86 फीसदी यानी 15.5 लाख करोड़ नोट सर्कुलेशन में थे। नोटों को जमा करवाने की आखिरी तारीख नजदीक आने के बीच ब्लूमबर्ग को सूत्रों ने बताया था कि बैंकों में 15 लाख करोड़ रुपए डिपॉजिट हो चुके हैं।