सुनील गवास्कर की अंतिम इच्छा, वर्ल्डकप में धोनी का विजयी धक्का देखकर मरना चाहूंगा

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धोनी रिटायरमेंट
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दिल्ली: भारत के पूर्व क्रिकेटर और विश्व के महान ओपनरों में शुमार सुनील गावस्कर को इस बात की खुशी है कि महेंद्र सिंह धोनी ने केवल सीमित ओवरों की कप्तानी छोड़ी है, संन्यास नहीं लिया। गवास्कर का कहना है कि यह धोनी में अबी इतना क्रिकेट बाकी है कि वे भारतीय टीम में अभी काफी योगदान दे सकते है। धोनी की प्रशंसा करते हुए गावस्‍कर यही नहीं रुके। सनी ने कहा ‘अगर जिंदगी के 15 सेकंड बचे हों तो मैं धोनी का वर्ल्‍डकप का आखिरी छक्‍का देखकर खुशी-खुशी मरना चाहूंगा। उन्‍होंने कहा, धोनी जोखिम लेने में कमाल के थे। टी20 वर्ल्‍डकप-2007 में भी उन्‍होंने आखिरी ओवर जोगिंदर शर्मा से करवाया तो 2011 के वर्ल्‍डकप के फाइनल में मैन ऑफ सीरीज बने युवराज से पहले आकर मैच की जिम्‍मेदारी उठाई।

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गावस्कर ने एनडीटीवी से कहा, ‘अगर धोनी ने एक खिलाड़ी के तौर पर भी संन्यास ले लिया होता तो फिर इसकी वापसी के लिये उनके घर के आगे धरने पर बैठने वाला मैं पहला व्यक्ति होता। एक खिलाड़ी के रूप में वह अब भी विस्फोटक है। वह एक ओवर में मैच का पासा पलट देता है। भारत को एक खिलाड़ी के रूप में उनकी सख्त जरूरत है। मुझे खुशी है कि उन्होंने एक खिलाड़ी के रूप में बने रहने का फैसला किया।’

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गावस्कर ने कहा कि धोनी के कप्तान नहीं रहने से उनकी बल्लेबाजी और विकेटकीपिंग में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा, ‘हां, ऐसा होगा. विराट कोहली निश्चित तौर पर उन्हें नंबर चार या पांच बल्लेबाज के रूप में उपयोग करेगा क्योंकि इससे नीचे उन्हें बल्लेबाजी के लिये उतारने का कोई मतलब नहीं बनता है। हां वह फिनिशर है लेकिन वह नंबर चार या पांच पर उतरकर बड़ी पारी खेल सकता है और तब भी फिनिशर की भूमिका निभा सकता है।’

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