अनिल कुंबले और विराट कोहली के विवाद में टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने कहा है कि अगर कप्तान की ही पसंद और नापसंद इतनी मायने रखती है तो फिर क्रिकेट सलाहकार समिति का क्या काम। दरअसल, बीसीसीआई की क्रिकेट सलाहकार समिति में सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण हैं और इन्हीं पर जिम्मेदारी है टीम के नए कोच चुनने की।
लंदन में चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान क्रिकेट सलाहकार समिति ने विराट कोहली और अनिल कुंबले से अलग-अलग मुलाकात की। तीनों ने यह सुझाव दिया कि अनिल कुंबले को ही टीम का कोच बनाया जाए, पर इन तीनों की बात को विराट कोहली ने नकार दिया।
सुनील गावस्कर इसी बात पर काफी नाराज हुए। गावस्कर ने साफ किया कि जब टीम के खिलाड़ी और कप्तान की पसंद से ही कोच चुना जाना है तो फिर इस सलाहकार समिति की क्या जरुरत। सीधे वेस्टइंडीज में मौजूद खिलाड़ियों से और कप्तान कोहली से पूछ लें कि वे किसे चाहते हैं। इससे काफी लोगों का समय बचेगा। गौरतलब है कि जब से ये मुद्दा सामने आया है तब से सुनील गावस्कर ने अनिल कुंबले के पक्ष में बयान दिया है। उन्होंने यह भी कहा है कि विराट कोहली को भी बयान देकर सब कुछ साफ कर देना चाहिए।
कुंबले को इस बात से और गुस्सा आया कि मैच के बाद खिलाड़ियों के चेहरे पर हार का गम बिल्कुल भी नहीं था और वह मैदान पर पाकिस्तान के खिलाड़ियों के साथ हंसी मजाक कर रहे थे। अनिल कुंबले ने ड्रेसिंग रूम में टीम के गेंदबाजों की खूब क्लास लगाई और उन्हें कहा कि टीम में बने रहने के लिए ऐसा प्रदर्शन काम नहीं आएगा। कुंबले की ये कड़वी बातें कप्तान विराट कोहली को पसंद नहीं आईं, क्योंकि कोहली का मानना था कि खिलाडियों ने कोशिश तो पूरी की थी पर उस दिन पाकिस्तान की टीम हर लिहाज से बेहतर थी। पर कुंबले कोहली की इस दलील को मानने के लिए तैयार नहीं थे।