6 साल में TCS को 3 गुना लाभ दिलाने वाले चंद्रशेखरन हैं टाटा ग्रुप के नए चेयरमैन, पढ़िए इनकी 7 चुनौतियां

0
चंद्रशेखरन
Prev1 of 3
Use your ← → (arrow) keys to browse

ऐसा पहली बार है जब कोई गैर पारसी टाटा ग्रुप का चेयरमैन बना है। चंद्रशेखरन में सबसे खास बात है कि वे जो एक बार ठान लेते हैं उसे पूरा करके दिखाते हैं। टीसीएस (TCS) के प्रमुख एन. चंद्रशेखरन को टाटा समूह का चेयरपर्सन बनाए जाने पर इंफोसिस और विप्रो के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (CEO) ने उन्हें बधाई दी है। गौरतलब है कि इंफोसिस और विप्रो दोनों ही सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में टीसीएस की प्रतिस्पर्धी कंपनियां हैं।

कौन हैं चंद्रशेखरन ? 

नटराजन चंद्रशेखर का जन्म तमिलनाडु के नम्क्कल के पास मोहनूर में एक तमिल परिवार में हुआ था। फिलहाल वो मुंबई में अपनी पत्नी ललिता और पुत्र प्रणव के साथ रहते हैं। नटराजन चंद्रशेखर एक अच्छे फोटोग्राफर और लॉन्ग डिस्टेंस रनर भी हैं। इन्होंनें मुंबई, टोक्यो, न्यूयॉर्क, बर्लिन, शिकागो और बोस्टन समेत कई जगहों पर मैराथन में हिस्सा लिया है।

इसे भी पढ़िए :  खेलों के लिए पीएम की बड़ी पहल, अगले 3 ओलिंपिक के लिए टास्क फोर्स गठित

किसी भी कंपनी को और क्या चाहिए होता है कि उस संस्था का नेतृत्व करने वाला तेज दिमाग और सही वक्त पर सही फैसला लेने वाला हो। शायद यही वह खूबी है, जिसने टीसीएस जैसी दिग्गज कंपनी के एक गुमनाम एंप्लॉयीज से उ‌न्हें पहले उसका चेयरमैन बनाया।

इसे भी पढ़िए :  इस बार गणतंत्र दिवस पर रचेगा इतिहास! 5000 मदरसों में फहराया जाएगा तिरंगा

चंद्रा ने 1986 में त्रिची के रीजनल इंजिनियरिंग कॉलेज से कंप्यूटर ऐप्लिकेशंस में मास्टर्स डिग्री ली। चंद्रा ने अपना कॉलेज प्रॉजेक्ट वर्क टीसीएस में किया और दो महीने बाद ही उन्हें कंपनी से जॉब ऑफर मिल गया था। शायद वह किसी आईटी कंपनी की कैंपस हायरिंग के सबसे सफल कैंडिडेट हैं।

चंद्रशेखरन के नेतृत्व में टीसीएस ने की बंपर कमाई

चंद्रशेखरन क्षेत्रीय इंजीनियरिंग कॉलेज, त्रिची, तमिलनाडु से कंप्यूटर एप्लिकेशंस में मास्टर्स करने के बाद टीसीएस से जुड़े थे। उनके नेतृत्व में टीसीएस ने 2015-16 16.5 अरब डालर की कमाई की। टीसीएस 2015-16 में देश की सबसे मूल्यवान कंपनी कंपनी बनी और इसका बाजार पूंजीकरण 70 अरब डॉलर से अधिक रहा। सबसे खास बात ये है कि चंद्रशेखरन ने 30 साल पहले टीसीएस के साथ नौकरी शुरू की थी। और पिछले 30 साल से ये इसी ग्रुप के साथ जुड़े रहे। 30 साल में उन्होंने एक बार भी ना नौकरी बदली और ना ही कंपनी छोड़ी।

इसे भी पढ़िए :  मोदी मंत्रिमंडल में कामकाज के आधार पर मिलेगा मंत्रालय

अगले स्लाइड में पढ़ें – चंद्रशेखरन के सामने क्या होंगी सबसे बड़ी चुनौतियां ?

Prev1 of 3
Use your ← → (arrow) keys to browse