संसदीय दल की बैठक में आडवानी ने कहा, वो सोनिया-मनमोहन से बात करने के लिए तैयार

0
आडवानी - मोदी
Prev1 of 3
Use your ← → (arrow) keys to browse

दिल्ली: भाजपा संसदीय दल की बैठक के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवानी में मोदी सरकार के सामने एक ऐसा प्रस्ताव रखा जिससे से पार्टी के नेता चौंक गए।

मंगलवार को हुए इस मीटिंग में उन अध्यादेशों पर विस्तार से चर्चा हुई जिसे इस बार सरकार सदन में पास करना चाहती है।

इसे भी पढ़िए :  जीएसटी परिषद की 21वीं बैठक हैदराबाद में, तय होगा लक्जरी और मध्यम आकार की कारों पर सेस

बैठक में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इन तीन अध्यादेशों के बारे में पार्टी सांसदों को विस्तार से बताया। वित्त मंत्री ने सांसदों को जानकारी दी कि सरकार को बार-बार ये अध्यादेश क्यों लाना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के बाद राजा महमूदाबाद को लखनऊ और आसपास की संपत्ति सरकार को उन्हें वापस करने को कहा गया और इसकी वजह से पैदा हुई विसंगति को दूर करने के लिए सरकार ने अध्यादेश लाने का फैसला किया।

इसे भी पढ़िए :  स्वतंत्रता दिवस पर कश्मीर से तिरंगा यात्रा शुरू करेगा आरएसएस

 

यह बैठक जैसे ही खत्म हुई वैसे ही लालकृष्ण आडवानी ने वित्त मंत्री अरुण जेटली, कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद, संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार को रोक लिया और कहा कि अगर सरकार चाहे तो  वो कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से बात करने के लिए तैयार है। ताकि शत्रु संपत्ति वाले बिलों पर विपक्ष की सहमति हासिल की जा सके।

इसे भी पढ़िए :  प्रवर्तन निदेशालय को क्या जवाब देंगे रॉबर्ट वाड्रा?
Prev1 of 3
Use your ← → (arrow) keys to browse