कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में चुनावी बिगुल फूंकने के लिए पहुंच चुकी हैं। सोनिया गांधी दोपहर को लगभग 6.4 किमी तक रोड शो करेंगी। बताया जा रहा है कि कांग्रेस के रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने पार्टी अध्यक्ष का बनारस का पूरा कार्यक्रम तैयार किया है।
शक्ति प्रदर्शन के तौर पर आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में करीब 10 हजार बाइक सवार सोनिया गांधी के शो की अगुवाई करेंगे। पार्टी के कई सीनियर नेता भी इस मौके पर उनके साथ होंगे। सोनिया करीब 6.4 किमी लंबे इस रोड शो के दौरान ओपन मिनी ट्रक में सवार होगी और इसके समाप्ति पर एक रैली को संबोधित करेंगी। यूपी कांग्रेस अध्य क्ष राज बब्बसर, राज्यो के लिए पार्टी की ओर से सीएम पद का चेहरा शीला दीक्षित के अलावा वरिष्ठग कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद भी इस मौके पर मौजूद रहेंगे। आजाद के पास यूपी में कांग्रेस के प्रभारी हैं।
राज बब्बमर ने कहा, ‘हां, हमें यूपी में चमत्का र की दरकार है लेकिन ऐसा पूर्व में भी हो चुका है। यहां तक कि 2014 हमारे विपक्षियों के लिए चमत्कायर की तरह था। हम इस बार अपने लिए चमत्काूर की उम्मी द लगाए हैं।’ आजाद राज्येसभा में नेता प्रतिपक्ष भी हैं और उनके आज वाराणसी में मौजूद होने के कारण ही केंद्र सरकार ने महत्वा कांक्षी जीएसटी बिल सदन में पेश करने का कार्यक्रम एक दिन के लिए टाला है। जीएसटी बिल बुधवार के लिए लिस्टे ड है।
वाराणसी में अपनी ‘दर्द-ए-बनारस’ रैली में कांग्रेस प्रमुख, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी पर निशाना साध सकती हैं। कांग्रेस का आरोप है कि इस वीआईपी संसदीय क्षेत्र विकास के मामले में उपेक्षित है। मंगलवार सुबह एक ट्वीट में कांग्रेस उपाध्यइक्ष ने गुजरात में दलितों के बढ़ते विरोध प्रदर्शन के लिए आनंदी बेन के दो साल के शासन के बजाय नरेंद्र मोदी के 13 वर्ष के शासन को जिम्मेरदार ठहराया है। गौरतलब है कि वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी के नेतृत्वज में बीजेपी की बंपर जीत के बाद आनंदीबेन पटेल ने सीएम के तौर पर गुजरात की बागडोर संभाली थी और सोमवार को ही उन्होंेने एक पत्र में इस्तीसफे की पेशकश की है।
इस बीच, कांग्रेस के रोड शो को लेकर यूपी के बीजेपी अध्याक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, ‘यूपी पहले से ही कांग्रेस मुक्तक है और कोई रोड शो उनकी मदद नहीं करने वाला।’ यूपी के करीब 21 फीसदी वोटर दलित हैं। बीजेपी शासित राज्यड गुजरात में इस समुदाय के उमड़े गुस्सेप के बाद कांग्रेस इस वर्ग के समर्थन की उम्मी्द लगा रही है। देश की सियासत के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण यूपी चुनाव में बीजेपी को अपने परंपरागत वोट बैंक, ब्राह्मण और उच्चि वर्ग के समर्थन को बरकरार रखने के साथ पिछड़ी जातियों और दलितों के समर्थन को भी अपने पक्ष में करने के लिए पुरजोर प्रयास कर रही है। पीएम मोदी और उनकी सरकार ने दलितों के मसीहा बीआर आंबेडकर की 125वीं जयंती के अवसर पर बड़ा कार्यक्रम करते हुए इस वर्ग के हितैषी के रूप में खुद को पेश किया था। इस वर्ष की शुरुआत में यूपी में अपने चुनाव अभियान की शुरुआत करते हुए पीएम ने दलित वर्ग तक पहुंच बढ़ाने पर खास ध्यांन रखा था।