पाकिस्तान सीनेट ने पास किया ऐतिहासिक हिंदू मैरिज बिल, मिलेगा शादी रजिस्ट्रेशन का अधिकार

0
हिंदू
Prev1 of 2
Use your ← → (arrow) keys to browse

हिंदू समुदाय के लिए पहली बार ‘पर्सनल लॉ’ बनने वाला है क्योंकि हिंदू विवाह विधेयक 2017 को संसद में सर्वसम्मति से पारित किया गया। इस विधेयक पर 26 सितंबर, 2015 को नेशनल असेंबली की सहमति की मुहर लगी थी और अगले हफ्ते राष्ट्रपति की स्वीकृति के बाद यह कानून बनने वाला है।

नेशनल असेंबली करीब चार महीने पहले इस बिल को पास कर चुका है और अब सीनेट की मंजूरी मिलने के बाद यह कानून अमल में आ जाएगा। इसके बाद पाकिस्तान के पंजाब, बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वां प्रांत में देश के अल्पसंख्यक हिंदुओं को अपनी शादी का रजिस्ट्रेशन कराने का अधिकार मिल जाएगा। यहां सिंध प्रांत में हिंदुओं को पहले ही विवाह पंजीकरण का अधिकार हासिल है।

इसे भी पढ़िए :  IND-PAK मैच में अपनी स्कर्ट को लेकर ये महिला एंकर हुईं ट्रोल

पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस विधेयक में हिंदुओं की शादी, परिवार, मां और बच्चे को सुरक्षा प्रदान करने की बात की गई है। विधेयक में हिंदुओं की शादी के लिए लड़के और लड़की की न्यूनतम उम्र 18 साल तय की गई है। वहीं अन्य धर्मों के नागरिकों के लिए न्यूनतम विवाह उम्र पुरुषों के मामले में 18 साल और लड़कियों के मामले में 16 साल है। इस कानून का उल्लंघन करने पर छह महीने की जेल और 5,000 रुपये के जुर्माने का प्रावधान रखा गया है।

इसे भी पढ़िए :  ग्वादर बंदरगाह का इस्तेमाल करेगा रूस, पाकिस्तान ने दी मंजूरी

इस विधयक में यह भी प्रावधान है कि विवाहित दंपति में से कोई एक अगर धर्म परिवर्तन कर लेता है, तो दूसरे साथी कोर्ट में तलाक की अर्जी दे सकता है। वहीं तलाकशुदा हिंदुओं को फिर से शादी करने की भी इजाजत मिलेगी।

इसे भी पढ़िए :  जाधव पर पाकिस्तान का बड़ा बयान, कहा- सजा पर किया जा सकता है पुनर्विचार

अगले स्लाइड में पढ़ें – इस खबर के और भी दिलचस्प पहलू 

Prev1 of 2
Use your ← → (arrow) keys to browse