नई दिल्ली: यूपी के चौथे चरण का यह मतदान बेहद ही एतिहासिक है। बीते तीन चरणों के चुनाव में दागी प्रत्याशियों की संख्या में चौथे चरण में राजनैतिक दलों ने केवल दागियों को ही तरजीह दी है. आगामी 23 फरवरी को 11 ज़िलों की 53 सीटों पर होने वाले मतदान में कई दाग़ी प्रत्याशी अपना भाग्य आजमाएंगे. दागियों को टिकट देने में अव्वल नंबर राजनीतिक स्वछता और सुचिता की बात करने वाली भाजपा और दूसरे नंबर पर अपने काम और युवा जोश की बात करने वाली सपा हैं. बसपा ने तो 85 फ़ीसदी करोड़पति प्रत्याशी उतारकर चुनाव में बाहुबल और धनबल का नया समीकरण बना दिया है. दागियों और अमीरों के मुकाबले महिला उम्मीदवारों को टिकट देने में सारे दलों ने कंजूसी बरती है. यानी राजनीतिक शून्यता को भरना अब दूर की कौड़ी हो चला है.
क्या कहती एडीआर की रिपोर्ट
एडीआर ने कहा कि 680 उम्मीदवारों में से 116 ने अपने खिलाफ आपराधिक मामलों की जानकारी दी है. 95 उम्मीदवारों ने हलफनामे में हत्या, हत्या के प्रयास, अपहरण, महिलाओं के खिलाफ अपराध जैसे गंभीर आपराधिक मामले होने की जानकारी दी है. एडीआर ने कहा कि भाजपा के 19, बसपा के 12, रालोद के नौ, सपा के 13, कांग्रेस के आठ और 24 निर्दलीय उम्मीदवारों ने हलफनामे में आपराधिक मामले की जानकारी दी है.
वहीं महिलाओं की उपेक्षा लगातार चौथे चरण में भी देखी जा रही है. चौथे चरण के कुल 680 उम्मीदवारों में केवल 9 फीसदी ही महिलाएं हैं. एडीआर के मुताबिक इस चरण में सबसे ज्यादा 74.5 फीसदी नौजवानों को टिकट दिए गए हैं जिनकी आयु 25 साल से 50 साल के बीच है.
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