नई दिल्ली: मोदी सरकार की नोटबंदी के बाद जिन लोगों ने अपने खातों में 2.5 लाख रुपए से अधिक जमा कराया है उसकी जानकारी आरबीआई के पास नहीं है। जी हां, यह बिल्कुल सही है, दरअसल नोटबंदी के वक़्त यह कहा गया था कि जो लोग 2.5 लाख से ज़्यादा अपने अकाउंट में जमा कराएंगे उन लोगों से पूछा जाएगा कि आखिर पैसे लाए कहां से। लेकिन अब यह लग रहा है कि वह चेतावनी सिर्फ डराने भर के लिए थी।
इंडिया संवाद वेबसाइट पर छपी एक खबर के मुताबिक, सरकार के पास नोटबंदी के बाद 8 नवंबर से 30 दिसंबर तक कुल कितने बैंक खातों में 2.5 लाख रुपए से अधिक रकम का कोई हिसाब है ही नहीं। 500 और 1000 रुपए के नोटों में जमा हुई रक़म की जानकारी आरबीआई के पास है ही नहीं। एक आरटीआई के जवाब में भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा है कि उसके पास इस बात की कोई जानकारी नहीं है कियह आरटीआई मध्य प्रदेश के नीमच में रहने वाले सोशल एक्टिविस्ट चंद्रशेखर गौड़ ने दायर की थी।
चंद्रशेखर गौड़ ने एक आरटीआई में भारतीय रिजर्व बैंक से पूछा था कि 9 नवंबर से 30 दिसंबर 2016 के बीच पूरे देश के अलग-अलग बैंकों में कुल मिलाकर कितने ऐसे खाते थे, जिनमें लोगों ने 2.5 लाख रुपए से अधिक के पुराने नोट जमा किए थे? उन्होंने यह भी पूछा कि सहकारी बैंकं के कुतने खातों में 2.5 लाख रुपए से अधिक पुराने नोट जमा हुए?
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