भारतीय रिवर्ज बैंक यानी RBI ने ये जानकारी देने से इनकार कर दिया है कि नोटबंदी के मुद्दे पर फैसला करने के लिए हुई उसके निदेशक मंडल की बैठकों में क्या चर्चा हुई थी। केंद्रीय बैंक ने इस संबंध में आयोजित बोर्ड की बैठकों का ब्यौरा देने से इनकार किया है। RBI ने RTI कानून की धारा 8 (1) (ए) का हवाला देते हुए कहा है कि ये सूचना इसके दायरे में नहीं आती।
इस अनुच्छेद के तहत किसी भी आरटीआई में वह जानकारी नहीं दी जाती है तो भारत की संप्रभुता और अखंडता के लिए खतरा हो। इसके दायरे में सुरक्षा, रणनीतिक, वैज्ञानिक और आर्थिक हितों से संबंधित ऐसी जानकारियां शामिल होती हैं जिनका देश के विरुद्ध किए जाने की संभावना होती है। आरबीआई ने नोटबंदी का निर्णय लेने के लिए की गई मीटिंग मिनट्स को भी इसी श्रेणी में शामिल किया है।
गौरतलब है कि पीएम मोदी ने 8 नवंबर 2016 को नोटबंदी की घोषणा की और 1000, 500 रुपये के मौजूदा नोटों को चलन से बाहर कर दिया। आरटीआई कार्यकर्ता वेंकटेश नायक ने इस बारे में याचिका दायर कर आरबीआई के केंद्रीय निदेशक मंडल की उन बैठकों का ब्यौरा मांगा था, जिनमें नोटबंदी के फैसले पर चर्चा हुई। RBI के जानकारी देने से इनकार करने पर नायक ने कहा है कि वे RBI के इस फैसले को चुनौती देंगे।
नायक के मुताबिक नोटबंदी के लिए बरती गई गोपनीयता समझ के परे हैं। जबकि, पूरा देश कैश क्राइसिस से जूझ रहा है। मीटिंग में क्या विचार-विमर्श हुए, क्या तैयारियों पर चर्चा हुई या नहीं यह जानकारियां साझा न करना बेहद हैरान करने वाला है।