राहुल गांधी सरकार के खिलाफ संसद से लेकर सड़क तक हर जगह हमला बोल रहे है। नोटबंदी और नगरोटा हमले जैसे मुद्दों पर उन्होंने सरकार को सदन से लेकर सड़क पर घेरा। उन्होंने सरकार को निशाना बनाते हुए इन मुद्दे पर जवाब मांगा है। यह पहली बार है जब उन्होंने सोनिया गांधी की गैर मौजूदगी में शुक्रवार को कांग्रेस की संसदीय दल की बैठक की अध्यक्षता की। इससे संकेत मिलते हैं कि अब वह सरकार के खिलाफ फ्रंटफुट पर खेलने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। संसदीय दल की बैठक में कांग्रेस के लोकसभा और राज्यसभा के सभी सांसद मौजूद थे।
8 नवंबर को सरकार द्वारा 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट बैन करने के बाद से ही राहुल गांधी ने विरोध की कमान अपने हाथ में ले ली है। संसद में और संसद के बाहर जहां उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी पर कई बार निशाना साधा वहीं, टैक्स वसूलने के लिए लोकसभा में लाए गए आयकर संशोधन बिल को बिना बहस के करा पास कराने पर भी सरकार को जमकर कोसा। कांग्रेस में शीर्ष स्तर पर बदलाव की संभावना काफी समय से जताई जा रही है।
गौरतलब है कि सोनिया की बीमारी और आज राहुल का संसदीय दल की अध्यक्षता ने तस्वीर कुछ और साफ कर दी है। राहुल के ये बयान यह संकेत दे रहे हैं कि अब वह पार्टी के आक्रमण की अगुआई वह खुद करने वाले हैं। राहुल आने वाले समय में विपक्षी पार्टियों के साथ मिलकर केन्द्र पर हमला बोलने की रणनीति भी बना रहे हैं।
Rahul Gandhi chairing Cong Parl Party meet for the 1st time, Sonia Gandhi not present in the meet (earlier visuals of his arrival in Parl) pic.twitter.com/zQp5FFor7u
— ANI (@ANI_news) December 2, 2016