उरी हमला: आतंकियों के मददगारों के खिलाफ NIA नहीं जुटा पाई सबूत, दोनों की होगी वतन वापसी

0
उरी
Prev1 of 2
Use your ← → (arrow) keys to browse

राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी NIA ने जम्मू-कश्मीर के उरी अटैक में पीओके के दो युवाओं पर हमले के लिए ‘गाइड’ का काम करने सबंधी केस में क्लोजर रिपोर्ट फाइल कर दी है। दोनों के ऊपर पिछले साल 18 सितंबर को आर्मी कैंप में हुए हमले में आतंकियों की मदद का आरोप था। जांच एजेंसी ने युवाओं के खिलाफ पुख्ता सबूत नहीं जुटा पाने के कारण यह फैसला किया है।

इसे भी पढ़िए :  बुलेट ट्रेन पर चलेंगे मोदी के ‘सूटेड बूटेड’ दोस्त: राहुल गांधी

एक अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, 18 सितंबर 2016 को जम्मू-कश्मीर के उरी में हुए आतंकी हमले के दौरान इन दोनों युवकों पर आतंकियों की गाइड के रूप में मदद करने आरोप था। इसके बाद एनआईए ने जब मामले की जांच शुरू की तो सेना को दिए दोनों युवकों के बयान के अलावा कोई और पुख्ता सबूत नहीं मिले। इसके बाद एनआईए ने दोनों युवकों को छोड़ने का फैसला लिया है।

इसे भी पढ़िए :  लालू का कुर्ता पहन दफ्तर पहुंचे बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा, पार्टी नेता ने ऐसी ली चुटकी

अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, गृहमंत्रालय के सूत्रों ने बताया है कि एनआईए ने गुरुवार को दोनों युवकों के खिलाफ कोर्ट को एक क्लोजर रिपोर्ट सौंपी है। क्लोजर रिपोर्ट में कहा गया है कि दोनों युवकों के खिलाफ कोई पुख्ता सबूत नहीं मिले हैं। रिहा होने के बाद दोनों युवकों को पीओके में उनके परिवार से मिलने के लिए छोड़ दिया जाएगा। इसकी सूचना औपचारिक रूप से सेना को भी दे गई है।

इसे भी पढ़िए :  ममता नें उठाया पीएम पर सवाल, कहा- पहले अपने बैंक अकाउंट की डिटेल क्‍यों नहीं देते

अहले स्लाइड में पढ़ें पूरी खबर- पाकिस्तान से दोस्ती कायम करने के लिए भी हो सकती है इन दोनों की रिहाई

Prev1 of 2
Use your ← → (arrow) keys to browse