आंतकवादियों की शरणस्थली के रूप में जाने जाने वाले पाकिस्तान की अब अंतरराष्ट्रीय जगत में इस मुद्दे को लेकर काफी फजीहत हो रही है। आतंकवाद की फंडिग पर नजर रखने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था द फाइनैंशल ऐक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने पाकिस्तान को एक नोटिस के जरिए यह साबित करने के लिए तीन महीने का वक्त दिया है कि उसने जमात-उत-दावा और जैश-ए-मोहम्मद और उनके सहयोगी आतंकवादी संगठनों को आर्थिक मदद पहुंचाने वालों के रास्तों को रोकने का क्या काम किया है।
पैरिस में पिछले सप्ताह FATF का अधिवेशन हुआ था। इस अधिवेशन में पाकिस्तान को 90 दिन का समय मांगने के लिए भी काफी संघर्ष करना पड़ा। जनवरी के आखिरी हफ्ते में जमात-उत-दावा और जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ की गई कार्रवाई का हवाला देते हुए पाकिस्तान ने यह जताने की कोशिश की कि वह वाकई कार्रवाई को लेकर गंभीर है। इस कार्रवाई का ही नतीजा है कि जमात-उत-दावा के आतंकवादी हाफिज मोहम्मद सईद पर उसके घर में कैद किया गया है और उसके यात्रा करने पर भी रोक लगाई गई है।
पिछले दिनों हुई इस कार्रवाई को मद्देनजर FATF ने पाकिस्तान को जून तक का समय दिया गया है। इस दौरान उसे इन आतंकवादी संगठनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को कहा गया है। बता दें कि अक्टूबर में हुई FATF की मीटिंग में पाकिस्तान के उन दावों को खारिज कर दिया गया था जिसमें कहा गया था कि उसने इन आतंकवादी संगठनों को आर्थिक मदद पहुंचाने वालों पर कार्रवाई की है। इसके बाद FATF ने अपने एशिया पसिफिक ग्रुप (APF) से इस संबंध में रिपोर्ट तैयार करने को कहा था।
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