योगी को सीएम बनाकर मोदी ने चली है गहरी चाल, नजर है 2019 पर, जानिए कैसे

0
योगी
फाइल फोटो
Prev1 of 3
Use your ← → (arrow) keys to browse

नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (BJP) द्वारा उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला एकाएक नहीं लिया गया है। यह काफी सोची-समझी राजनैतिक रणनीति है। योगी की छवि हिंदू कट्टरपंथ से जुड़ी है। माना यही जा रहा है कि हिंदुत्ववादी राष्ट्रवादिता के अजेंडे को ही ध्यान में रखकर योगी को CM बनाया गया है। केंद्र सरकार अपने कार्यकाल का आधा समय पूरा कर चुकी है। अब पार्टी 2019 के अगले लोकसभा चुनाव की तैयारी को भी ध्यान में रखकर चल रही है और इसी पर निगाह रखते हुए योगी आदित्यनाथ को उत्तर प्रदेश के नेतृत्व की बागडोर सौंपी गई है। लग तो यही रहा है कि योगी को UP का मुख्यमंत्री बनाकर BJP ने मास्टर स्ट्रोक खेला है।

इसे भी पढ़िए :  दिग्विजय सिंह का पीएम पर तंज, कहा- 'मोदी जी, आप बिल्कुल गधे के माफिक काम कर रहे हैं'

गोरखपुर से पांच बार सांसद चुने गए योगी की ध्रुवीकरण करने में ‘पारंगत’ माना जाता है। राजनैतिक विचारधारा के तौर पर देखें, तो वह कट्टर दक्षिणपंथी हैं। भारत के सबसे बड़े प्रदेश की सरकार को चलाने के लिए योगी को चुनकर मोदी और शाह ने साफ संकेत दिया है कि वे राजनीति को उसके परंपरागत और सामान्य रूप में नहीं आजमाने जा रहे हैं। साथ ही, BJP की मंशा राजनैतिक तौर पर खुद को निष्पक्ष साबित करने की भी नहीं है। सर्जिकल स्ट्राइक और नोटबंदी के बाद अगर मोदी सरकार के इस फैसले पर गौर करें, तो माना जा सकता है कि यह इस केंद्र सरकार का तीसरा सबसे बड़ा दांव है। योगी राम जन्मभूमि से जुड़े सबसे बड़े नेताओं में से हैं। संकेतों को देखें, तो मानना होगा कि योगी को मुख्यमंत्री बनाना BJP की उसी कोशिश का हिस्सा है जिसके तहत वह हिंदुत्व के इर्द-गिर्द बुनी गई लोकप्रिय राष्ट्रवादी विचारधारा को केंद्र में रखकर आगे बढ़ना चाह रही है।

इसे भी पढ़िए :  जानिए क्यों ट्विटर पर लोगों ने दी योगी को तबेला खोलने की नसीहत
Prev1 of 3
Use your ← → (arrow) keys to browse